टीचरों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव के मंजूरी के बावजूद एलजी और केजरीवाल सरकार में तकरार जारी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (05/03/2023): दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कल यानी शनिवार को दिल्ली सरकारी स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसे लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल और अरविंद केजरीवाल की सरकार में अभी भी तकरार कम नहीं हुआ है। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लोना ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर हमला की है। उन्होंने कहा कि एलजी ने निराधार आपत्तियां लगाकर विलंब किया अब अनुमति देने का फ़ायदा नहीं।

आतिशी मार्लोना ने कहा कि जिस कार्यक्रम के लिए टीचर्स को फिनलैंड जाना था उस कार्यक्रम का पहला हिस्सा दिसंबर में था और दूसरा हिस्सा मार्च के पहले हफ्ते में था। एलजी साहब फिनलैंड की फाइल लेकर 4 महीने तक बैठे रहे। एलजी साहब बार-बार निराधार आपत्तियां लगाते रहे और उन्होंने जितना विलंब इस फाइल को करवा दिया है कि आज उस अनुमति का भी कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब दिल्ली सरकार के वो टीचर्स फिनलैंड जा नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि एलजी साहब के पास उस कार्यक्रम को बदलने की ना तो योग्यता है और ना ही उनके पास अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बैंच बहुत क्लियर शब्दों में कहती है कि उनके पास केवल दो ही अथॉरिटी है या तो वो किसी फाइल पर हां कह कर उसको साइन कर दें और दूसरी बात अगर वह सहमत नहीं है तो वो ना कहकर फाइल को राष्ट्रपति के पास भेज दें। उन्होंने कहा कि 4 महीने से वो एक डेली सॉप ओपेरा फिनलैंड की इस फाइल के साथ चला रहे हैं ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। तीसरी बात राइट टू एजुकेशन एक्ट एससीआरटी को पावर देता है डिसाइड करने की कि टीचर्स की ट्रेनिंग कैसी होगी।

उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि आज एलजी साहब की योग्यता एजुकेशनल और एक एकेडमिक अथॉरिटी से ज्यादा हो गई है कि वो डिसाइड करेंगे कि किस प्रकार की ट्रेनिंग होनी चाहिए और किस प्रकार की ट्रेनिंग नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मैं एलजी साहब से कहना चाहूंगी कि इस बात को याद रखिए कि आप अपने राजनैतिक आकाओं के कहने पर दिल्ली सरकार के सारे काम जो रोकने में लगे हुए हैं पूरा देश इसको देख रहा है, इतिहास आपको देख रहा है और देश आपको माफ नहीं करेगा।