भोपाल| मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 25 उम्मीदवार जबकि कांग्रेस के 15 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. तीन स्थानों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. लेकिन इस चुनाव में महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा चुनावों में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही बीजेपी एमपी के निकाय चुनाव में पिछले चुनाव से 2 सीट नीचे खिसकी है जबकि 2012 के चुनाव में 9 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार 15 सीटों पर कब्जा जमाया है. अब संशय यह है कि बीजेपी को लगातार भारी जीत दिलाने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह क्या इन नतीजों से खुश होंगे?
कांग्रेस मुक्त भारत का नारा बुलंद करने वाले शाह 18 से 20 अगस्त तक तीन दिवसीय प्रवास पर भोपाल में रहेंगे. बीजेपी संगठन और सरकार नगरीय चुनाव में कांग्रेस का सफाया करने में विफल रहे लेकिन इस चुनाव में बीजेपी को डबरा व कैलारस में पहली बार जीत मिली है. ये इलाके ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्य क्षेत्र के हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने नगर निकाय चुनाव के नतीजों को पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के कामकाज की जीत बताया. वहीं कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान के क्षेत्र में बीजेपी की हार इस बात का संकेत है कि प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है.
नंदकुमार ने कहा कि शिवराज ने 43 नगर निकाय में पूरा जोर लगाया, रोड शो किया और सारे हथकंडे अपना लिए इसके बाद भी 15 निकायों में कांग्रेस की जीत हुई. बीजेपी प्रत्याशियों की हार ने सरकार के कुशासन और शिवराज के कामकाज के खिलाफ वोट दिया है.
बीजेपी को सीट ज्यादा जरूर मिली हैं लेकिन ये नतीजे अमित शाह को सुकून देने वाले नहीं लगते क्योंकि वह हर चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार देखना चाहते हैं. लेकिन शाह के तीन दिवसीय प्रवास पर भोपाल आने से पहले उन्हें खुश करने वाला तोहफा देने से पार्टी चूक गई.