टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (19 अक्टूबर 2022): मध्य प्रदेश में हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ ही दवाओं का पर्चा भी हिंदी में लिखने की शुरुआत हो गई। सतना जिले के कोटर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. सर्वेश सिंह ने मरीज की जांच कर पर्चा हिंदी में लिखा। उन्होंने पर्चा लिखने में RX की जगह श्रीहरि से शुरुआत करते हुए दवाइयों के नाम भी हिंदी में लिखे।
दरअसल, रविवार को मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी कराने की शुरुआत हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने मेडिकल छात्रों के लिए तीन किताबों का विमोचन किया था। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी डॉक्टरों से पर्चा हिंदी में लिखने की अपील की थी। इसके बाद ही डॉ. सर्वेश ने यह पहल की।
हिंदी में पर्चा लिखने वाले डॉ. सर्वेश सिंह मध्य प्रदेश के पहले डॉक्टर हैं तो कोटर पीएचसी में गांव लौलाछ की रश्मि सिंह पहली मरीज हुई। जिनकी सेहत का हाल और दवाइयां हिंदी में लिखी गई हैं। रश्मि कोटर स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण कराने पहुंची थीं। डॉ. सिंह ने पर्चे की शुरुआत RX के बजाय श्रीहरि लिख कर की। बीपी, शुगर लेवल, पल्स रेट वगैरह हिंदी में दर्ज किया, फिर सभी दवाओं के नाम भी हिंदी में ही लिखे।
सरकारी अस्पताल में नई परंपरा शुरू करने के साथ डॉ. सर्वेश सिंह ने इसे अपने निजी क्लिनिक में भी अपनाया। उन्होंने यहां आई मरीज सुरेखा शर्मा के पर्चे में भी हिंदी में ही दवाएं लिखीं।डॉ. सिंह ने बताया कि हिंदी में पर्चा लिख कर उन्हें बेहद खुशी हुई। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के शुभारंभ का कार्यक्रम टीवी पर देखते हुए ख्याल आया कि क्यों न इसकी शुरुआत आज से ही की जाए। उन्होंने बताया कि पीएचसी में पहली मरीज रश्मि सिंह आईं तो उनका पर्चा हिंदी में लिख कर इस अभिनव अभियान में सहभागिता का प्रयास किया। सीएम शिवराज सिंह ने कार्यक्रम में कहा था कि पर्चे की शुरुआत RX के बजाय श्रीहरि से हो और पर्चे हिंदी में लिखे जाएं तो क्या हर्ज है। बात अच्छी लगी, दिल को छू गई तो पर्चे में सबसे पहले श्रीहरि लिखा और फिर मरीज की स्थिति, दवाएं सब कुछ मातृ भाषा हिंदी में ही लिखा। रश्मि गर्भवती हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी मातृ भाषा में ही लिखी गई। ताकि मरीज भी अपने स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी सहज ही पढ़ कर समझ सके।