टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (16/09/2022): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित JEE और NEET परीक्षा में सफलता पाने वाले 1141 छात्रों के साथ संवाद किया। इस मौके पर उनके साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चे डॉक्टर बन रहे हैं वो ग़रीब मरीज़ों का इलाज फ़्री में करें। जो इंजीनियर बन रहे हैं वो 5-10 ग़रीब बच्चों को पढ़ाने में मदद करें। 60,000 सरकारी शिक्षकों ने “शिक्षा क्रांति” लाए हैं जिसकी चर्चा दुनिया भर में है। हम शिक्षकों को सलाम करते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरी JEE रैंक 563 थी, दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चे हर्ष की 569 है। देश ने मुझे बहुत दिया, मुझे अच्छी शिक्षा मिली। मेरा एक ही सपना था कि देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले।आपकी शिक्षा में हर भारतीय के टैक्स का योगदान है, देश को मत भूलना।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई राज्यों में सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, कहते हैं पैसे कम हैं। जैसे कोई 20,000 की नौकरी में भी प्राथमिकता (Priority) बच्चों की पढ़ाई को देता है, वैसे ही सरकारों को भी शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, जैसे हमने दिल्ली में दी है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा ‘दान’ की बात नहीं है। शिक्षा ‘अधिकार’ की बात है। अगर हम सरकारी स्कूल बंद कर दें तो भारत के 18 करोड़ गरीब बच्चे कैसे शिक्षित होंगे? भारत कैसे आगे बढ़ेगा? भारत दुनिया का नंबर 1 देश कैसे बनेगा?