टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली, (07/09/2022): केजरीवाल ने अपने पत्र ने लिखाआदरणीय प्रधानमंत्री जी, मुझे मीडिया से पता चला है कि केंद्र सरकार ने देश भर में 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना बनायी है। ये बहुत अच्छी बात है। पूरे देश में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ख़राब है। उनको अपग्रेड और आधुनिक बनाने की बहुत ज़रूरत है। देश भर में रोज़ 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। 80% से ज़्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज़्यादा खराब है। अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा?
केजरीवाल ने आगे लिखा 1947 में हमसे बहुत बड़ी गलती हुई। देश आज़ाद होते ही सबसे पहले हमें भारत के हर गाँव और हर मोहल्ले में शानदार सरकारी स्कूल खोलने चाहिए थे। कोई भी मुल्क अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए बिना तरक़्क़ी नहीं कर सकता। 1947 में हमने ऐसा नहीं किया। ज़्यादा दुःख की बात ये है कि अगले 75 साल भी हमने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर ध्यान नहीं दिया। क्या भारत अब और वक्त बर्बाद कर सकता है?
केजरीवाल फिर लिखते हैं कि आपने केवल 14,500 सरकारी स्कूलों को ठीक करने की योजना बनायी है। देश भर में दस लाख से ज़्यादा सरकारी स्कूल हैं। ऐसे तो सारे सरकारी स्कूलों को ठीक करने में सौ साल से भी ज़्यादा लग जाएँगे। तो क्या अगले सौ साल भी हम दूसरे देशों से पीछे रह जाएँगे? देश के हर सरकारी स्कूल में शानदार शिक्षा की व्यवस्था के बिना हमारा देश विकसित देश नहीं बन सकता।
देश के 130 करोड़ लोग अब और रुकने के लिए तैयार नहीं हैं। सब लोग चाहते हैं कि भारत दुनिया का नम्बर वन देश बने, भारत एक अमीर देश बने, भारत एक सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली देश बने। इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि 14,500 की बजाय सारे दस लाख सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने की योजना बनायी जाए। इसमें सभी राज्य सरकारों को साथ लिया जाए और अगले पाँच वर्षों में इसे कार्यान्वित किया जाए। सारा देश यही चाहता है। दिल्ली में हमने बहुत कम पैसों में सरकारी स्कूल बहुत शानदार बना दिए । राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में हम पूरी तरह आपका सहयोग करेंगे।।