टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (9 जून 2022): आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं आप कहानी पढ़कर खुद सोचिएगा कि क्या यह महिला अपने हक की लड़ाई लड़ रही है।
दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में रहने वाली अंशु गोयल पेशे से एक स्कूल संचालिका है, और अपने परिवार के साथ इस क्षेत्र की एक सोसाइटी में रहती हैं। पिछले 30 सालों से इस सोसाइटी में रह अंशु गोयल एक सशक्त एवं स्वावलंबी महिला हैं जो अपनी बेटी और अपनी सास की जिम्मेदारी अपने कंधो पर उठाए आगे बढ़ती चली जा रही हैं।
पर जहां ऐसी महिलाओं की समाज द्वारा हौसलाअफजाई होनी चाहिए उसके उलट अंशु को अपने सफर में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पेशे से स्कूल संचालिका अंशु ने अपने कुशल व्यवहार द्वारा अपने परिवार को एक डोर में बांधा हुआ है। अंशु के परिवार में उनकी एक बेटी और उन ही एक साथ उनकी सास रहती है जिनकी उम्र 87 साल है। अंशु की सोसाइटी में अभी कुछ समय पहले लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही थी इसी संबंध में अंशु गोयल ने अपने घर के बाहर एक लोहे का गेट लगा लिया। पर सुरक्षा की दृष्टि से उठाया यह कदम कई लोगों को नागवार गुजरा।
चूंकि अंशु पेशे से एक अध्यापिका है और पूरा दिन घर से बाहर ही रहती हैं और घर पर उनकी सास अकेली रहती है जो कि काफी बीमार रहती है और बेटी भी अधिकांश पढ़ाई के सिलसिले में बाहर जाती रहती है । ऐसे में भी इस सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए कदम पर कई व्यक्तियों ने अपनी आंखें टेढ़ी कर ली।
इस संबंध में टेन न्यूज़ नेटवर्क ने अंशु से बात की है तो उनका कहना यह है कि उनकी सोसायटी में रहने वाला एक व्यक्ति लगातार 13 वर्षों से उन्हें परेशान कर रहा है, वह लगातार उनकी फ्लैट की शिकायत दिल्ली एमसीडी में करता रहता है। और किसी न किसी रूप में उन को टारगेट करके परेशान करता रहता है अंशु ने जो सुरक्षा के मद्देनजर गेट लगाया था आज उसी गेट को तोड़ने के लिए एमसीडी के अधिकारी अंशु की सोसाइटी में पहुंचे थे एमसीडी का कहना है कि यह गेट अवैध है और इसको तोड़ा जाना है।
जब एमसीडी के अधिकारी सोसाइटी में पहुंचे तो गेट तोड़ने की बात करने लगे तो अंशु के आसपास फ्लैट में रहने वाले लोग भी अंशु के समर्थन में आ गए कि उन्होंने वह गेट सुरक्षा के मद्देनजर लगाया था और सोसाइटी में भी ऐसे और फ्लेट्स के आगे भी लगे हैं जब लोगों ने गेट तोड़ने का विरोध किया नाराजगी जताई लोगों ने कहा कि अगर आपको गेट तोड़ना भी है तो आप कुछ दिन पहले एक नोटिस तो दीजिए तो उसके बाद एमसीडी के अधिकारी दबे पांव लौट पड़े।
इस संबंध में अंशु गोयल का कहना है कि कुछ समय पहले उनके पति की किसी कारणवश मृत्यु हो गई थी जब से वह अकेली घर की कर्ताधर्ता है इसलिए उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर यह गेट लगाया था उन्होंने बताया कि उनकी सोसायटी में रहने वाले एक युवक लगातार एमसीडी में किसी न किसी कारण से शिकायत करता रहता है। और उनको टारगेट करके परेशान करता रहता है सोसाइटी में और फ्लैट के बाहर भी ऐसे गेट लगे हैं लेकिन उनकी शिकायत कोई नहीं करता और ना ही उनको कभी एमसीडी वाला कोई तोड़ने आया है।
इस संबंध में जब टेन न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने एमसीडी के अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की तो एमसीडी के अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया है।
अब आप लोग हैं कहानी पढ़कर खुद ही तय कीजिए कि क्या यह महिला अपने हक की लड़ाई लड़ रही है।