टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (21/05/2022): दिल्ली यूनीवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को शनिवार को कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में जमानत मिल गया है। दरअसल पुलिस ने आज उन्हें दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी है। अदालत ने प्रोफेसर रतन लाल को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
पुलिस के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए (धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
वहीं रतन लाल के वकील महमूद प्राचा ने कल यानी शुक्रवार को कहा था कि प्रोफेसर रतन लाल के ख़िलाफ़ झूठा मुकदमा दर्ज़ किया गया है। FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध में आता हो। IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ़्तारी नहीं की जा सकती, पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है, गिरफ्तारी भी SC के फैसले की अवमानना है।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग की कथित खोज के दावों के बाद दिल्ली यूनीवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार रात को धार्मिक मान्यताओं को आहत करने की शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।