टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (17/05/2022): बौद्ध सदृश दर्शन के अवमूल्यन से दुनिया में हिंसा – कुलपति प्रो वरखेड़ी, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के द्वारा – 2566 वीं ‘ बुद्ध जयन्ति पूर्णिमा विविध कार्यक्रमों के आयोजन के साथ मनाया गया ।इसी क्रम में एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का भी आयोजन हुआ जिसका विषय था -‘ बुद्धिज़्म एंड वर्ल्ड पीस इन द 21 सेन्चुरी ‘ । इसमे केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ,दिल्ली के कुलपति अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि वैदिक या अवैदिक दर्शन हो, ये दोनों दर्शनों के विद्वान इस तथ्य को मानते हैं कि बुद्ध का अवतार भगवान विष्णु के रुप में विश्व कल्याण के लिए हुआ था । उनका मानना था कि भारत की आत्मा रुपी ऐसे दर्शन के अवमूल्यन के कारण ही दुनिया में अशांति का कारण बनता है । उन्होंने उक्रेन तथा रुस की हालत पर भी घोर चिंता जताया ।उनका मानना था कि जो बुद्ध है वह शान्त है ।
श्रीलंका के जाने माने विद्वान् प्रो मेडागोडा अभयटिसा ने भी कहा कि व्यक्ति की शान्ति के बिना विश्व शान्ति की स्थापना नहीं की जा सकती है । इसकी स्थापना में आर्थिक आयाम के अपेक्षा संस्टनेबल सोसल जस्टिस की महत्ता अधिक होती है । श्रीलंका के ही लब्धप्रतिष्ठ बौद्ध इतिहास के आर्किलौजिस्ट प्रो अनूरा मनथुंगा ने बौद्ध दर्शन की चर्चा करते कहा कि श्रीलंका जो स्वर्ग हुआ करता था, आज यह नरक बना दिया गया है । इसी सन्दर्भ में उन्होंने दुनिया के जाने लेवा जंगों का हवाला दिया और कहा कि बौद्ध दर्शन का मूल सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय है और आगे कहा कि श्रीलंका से भारत अटूट रिश्ता है ।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के अकेडमिक अफेयर्स के डीन प्रो वनमाली विश्वाल का मानना था कि हिंसा से जन- धन की क्षति के साथ साथ प्राकृतिक संपदा का भी पतन होता है ।अतः: बौद्ध दर्शन आज और अधिक युगीन हो गया है । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर के निदेशक प्रो सर्वनारायण ने बौद्ध दर्शन में आत्मानुशासन की महत्ता पर प्रकाश डाला ।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, अगरतला परिसर के निदेशक प्रो सुकान्त सेनापति ने इस बेविनार से जुड़े विद्वानों तथा अध्येताओं को धन्यवाद देते हुए इस आयोजन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला ।
ध्यातव्य है कि इस अन्तर्राष्ट्रीय बेविनार का आयोजन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति के मार्गदर्शन में इसके लखनऊ परिसर के बौद्ध दर्शन संकाय के द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था ।इसी संकाय के अध्यक्ष प्रो राम नन्दन सिंह तथा गुरुचरण सिंह नेगी ने क्रमशः वक्ताओं का परिचय तथा मंच का संचालन किया ।