ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास के बारे में बोले पीएम मोदी, ‘माध्यम समस्या नहीं है मन समस्या है’

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (1/04/2022): देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज यानी 1 अप्रैल, 2022 को ‘परीक्षा पे चर्चा 2022’ कार्यक्रम को संबोधित किया गया है। यह ‘परीक्षा पे चर्चा 2022’ कार्यक्रम का पांचवां संस्करण है और यह कार्यक्रम तालकटोरा स्टेडियम में किया गया है। इस दौरान उन्होंने देश-विदेश के छात्रों से परीक्षा से जुड़ी परेशानियों पर बातचीत किए और छात्रों के सवालों का जवाब दिए है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के बीच में परीक्षा भी होते हैं। इस वजह से त्योहारों का मजा नहीं ले पाते हैं। लेकिन अगर परीक्षा को ही त्योहार बना दें, तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं।

उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान हमें डर और भय क्यों लगता है? इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा को आप मान लीजिए की परीक्षा हमारे जीवन का एक सहज हिस्सा है। परीक्षा हमारे विकास यात्रा का छोटे-छोटे से पड़ाव है अब इस पड़ाव से हमें गुजारना है और हम गुजर चुके हैं। जब हम इतनी बार परीक्षा दे चुके हैं तो परीक्षा देते-देते एक प्रकार से हम ‘एग्जाम प्रूफ’ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब यह विश्वास पैदा हो जाता है और आने वाले किसी भी परीक्षा में यह अनुभव आपकी ताकत बन जाता है। अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए। दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी दबाव में मत रहिए। जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए।

उन्होंने कहा कि जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या रील (reel) देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा। उन्होंने कहा कि मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है। जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं। इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है। माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जैसे युग बदलता है वैसे ही माध्यम भी बदलता रहता है। ये विकास लगातार चलता रहा है और यही मानव जीवन की विशेषता है। यह विकास का एक हिस्सा है कि डिजिटल गैजेट के माध्यम से हम नए टेक्नोलॉजिकल स्कूल के माध्यम से आज हम बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। हमें इसे एक अवसर (opportunity) मानना चाहिए, न कि समस्या। उन्होंने कहा कि हम ऑनलाइन पढ़ाई को एक रिवार्ड के रूप में अपने टाइम टेबल में रख सकते हैं।