प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्रजी मोदी के नेतृत्व में सन 2014 में सत्ता में आए केंद्र सरकार के जनउपयोगी निती और निर्णयोंद्वारा और आर्थिक सहायता की वजह से महाराष्ट्र के ऊर्जा विभाग ने पिछले 4 वर्षो में ऊर्जा स्वतंत्रता की और कदम रखा है. मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीसजी के मार्गदर्शन और ऊर्जामंत्री श्री. चंद्रशेखर बावनकुले के अथक प्रयत्नों के चलते महाराष्ट्र का हर घर सौभाग्य योजना के माध्यम से रोशन हुआ है, ऐसी जानकारी राज्य के महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल सुत्रधारी कंपनी के संचालक श्री. विश्वास पाठक ने दिल्ली में हुए एक पत्रकार परिषद में दी.
पत्रकार परिषद में, श्री. विश्वास पाठक ने महाराष्ट्र सरकार और ऊर्जा विभागद्वारा किए गए काम और जनउपयोगी नितीयों की मदत से घर-घर में बिजली पहुंचाने में प्राप्त हुई सफलता के बारे में बताया और पिछले 4 वर्षो में किए गए कामों की जानकारी दी.
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकारने किसानों को केंद्रबिंदू मानकार ऊर्जा विभाग की विविध योजनाओंद्वारा किसानों को दिलासा देने का प्रयत्न किया है. सौभाग्य योजना के माध्यम से केंद्र सरकारद्वारा दिए गए आर्थिक मदत की वजह से राज्य के दुर्गम इलाकों के नागरिकों को फायदा हुआ है. गडचिरोली और नंदूरबार के कुछ अतिदुर्गम इलाकों को बिजली की आपूर्ती करने का काम जारी है. इस वर्ष दिसंबर तक इन इलामें बिजली पहूंचाने का काम पूर्ण हो जाएगा.
पिछली सरकार से तुलना करें तो अब के हालात किसानों के लिए काफी बेहतर साबित हूए हैं.सन 2014 तक किसानोंको बिजली के लिए पैसे भरने पर भी कनेक्शन नहीं दिए जाते थे.विशेषत: विदर्भ और मराठवाडा के किसानोंमें कृषीपंप कनेक्शन न मिलने की वजह से काफी नाराजगी थी. इसे मद्देनजर रखते हुए राज्य के ऊर्जा विभाग ने प्रथम प्रलंबित कृषीपंप कनेक्शन को प्राथमिकता देते हुए इनकी संख्या कम की. हर साल सवा लाख कृषीपंप धारको को कनेक्शन दिए गए. किसानों को अब तक कुल 5 लाख कनेक्शन दिए जा चुके है.
जिन किसानों को अभी तक बिजली नही मिली है उनके लिए ऊर्जा विभागने एचवीडीएस नामक नई योजना का शुभारंभ किया है. इस योजना के अंतर्गत एक या दो किसानोंको एक ट्रान्सफॉर्मर दिए जाएंगे, जिससे बिजली चोरी के प्रमाण कम होने में मदत मिलेगी और किसानों को पूरी क्षमतासे स्थायी बिजली मिलेगी. इस वर्ष मे ऊर्जा विभागद्वारा लिया गया यह एक सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है.
बिजली कटौती मुक्त राज्य :-
महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही जो सबसे प्रथम निर्णय लिया था, वह यह था कि राज्य को बिजली की कटौती से मुक्त करना. बिजली के बील को नियंत्रण में रखकर 24 घंटे तक बिजली की आपूर्ती करने के निर्देश राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्रजी फडणवीस और ऊर्जामंत्री श्री. चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रशासन को दिए. राज्यको बिजली की कटौती से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयत्न किए गए. आज यह कहने में हमें गर्व महसूस होता है कि महाराष्ट्र में कहीं भी बिजली की कमी नही है और न ही महाराष्ट्र बिजली कटौती की समस्या झेल रहा है.
बिजली उत्पादन क्षमता में वृध्दी:-
पिछले 4 वर्षो में महानिर्मितीने बिजली उत्पादन की क्षमता में 3,360 मे.वॅ. की बढत की है. इसके साथ ही कई बिजली अनुबंधों के चलते राज्य में मांग के अनुपात में बिजली पहुंचाने मे ऊर्जा विभाग सक्षम रहा और राज्य को बिजली कटौती से छुटकारा मिला है. गुणवत्तापूर्ण कोयले की खरीदी, उसके परिवहन, टोलिंग पॉलीसी ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णयों के कारण राज्य के ऊर्जा विभाग ने पिछले 4 सालो में एक हजार करोड रुपयों की बचत की है. इसका फायदा बिजली की दरों को नियंत्रित करने में हुआ है.
महापारेषण कंपनीद्वारा 6,700 कि.मि. ट्रान्समिशन लाईन :-
पिछले चार सालों में महापारेषण ने राज्य में बिजली प्रवाहित करने वाले तारों का मजबूत जाल (नेटवर्क) तैयार किया है. 6700 किलोमीटर में यह जाल फैला हुआ है.चार सालों में 81 (हाई पॉवर) अति उच्च दबाव केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 13,450 एमव्हीए की वृध्दी हुई है. परिणाम-स्वरूप गत 22 अक्टुबर 2018 को अचानक राज्य की बिजली की मांग 25 हजार मे.वॅ. तक पहुंच गई थी जिसे बिना किसी परेशानी के पूर्ण किया गया. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
सौर ऊर्जा निर्मिती को बढत :-
भविष्य में सौर ऊर्जा एक प्रभावी पर्याय साबित होगा. इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार और ऊर्जा विभाग ने सौर ऊर्जा से बिजली निर्मिती के अपने लक्ष को बढाने का फैसला किया है. राज्य के किसानों की मांग है कि उन्हें दिन में बिजली दी जाए. उनकी इसी मांग को ध्यान में रखते हुए 45 लाख किसानों को दिन में सौर ऊर्जाद्वारा बिजली देने का निर्णय लिया गया है. राज्य सरकारने मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना का शुभारंभ किया है, जिसके द्वारा 11 केव्हीए मे माध्यम से किसानों को सौर ऊर्जाद्वारा बिजली की आपूर्ती की जाएगी. राज्य में इस तरह के 4 प्रकल्पों से किसानों को फायदा मिल रहा है. इसके अलावा रूफ टॉप सोलरद्वारा शासकीय कार्यालयो, स्कूल, जलपूर्ती योजनाए और घरोमें लगनेवाली बिजली को सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पादित करने का काम शुरू है. इसके अलावा श्री. विश्वास पाठक ने कई ग्राहक उपयोगी निर्णय जैसे 1000 मे.वॅ. ऊर्जा संरक्षण नीति, ग्रामीण बिजली प्रबंधक दीनदयाय योजना, आयपीडीएस-2, उद्योगकों बिजलीदरों मै राहत, दलित बस्ती में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण, ऑनलाईन बिजली बील भरने की प्रक्रिया, ईलेक्ट्रिकल व्हेहिकल चार्जिंग स्टेशन, एमओडी इत्यादी के बारे में जानकारी दी.
घारापुरी में पहुंची बिजली :-
मुंबई से सटे हुए समुद्रद्विप एलिफंटा आजादी के समय से ही अंधेरे में था. यह एक पर्यटन स्थल के नाम से प्रसिध्द है. किंतु बिजली न होने के कारण पर्यटकों को दोपहर में ही मुंबई लौटना पडता था.हालांकि जो पिछले 70 सालों में किसी ने नही किया वह काम राज्य के ऊर्जा विभाग ने कर दिखाया और इस द्विप पर बिजली पहुंचाकर यहां के अँधेरे को खत्म कर दिया. महावितरण ने जमीन के नीचे से 22 कि.मि. केबल लाईन बिछाकर तीन ट्रॉन्सफार्मरद्वारा 22 फरवरी को घरापुरी द्विप को प्रकाशमय करते हुए वहां के 215 ग्राहकों को 24 घंटे बिजली पहुंचाने में सफलता हासिल की