दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज योजना को लागू करने को लेकर दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों को सख्त निर्देश जारी किए है। खासबात यह है कि मुख्यमंत्री खुद डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज योजना की निगरानी कर रहे हैं।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिए हैं कि मोबाइल सहायक की तरफ से किसी भी विभाग में सबमिट किए गए मामलों में से कोई भी मामला संबंधित मंत्री की मंजूरी के बिना रिजेक्ट नहीं किया जा सकेगा।
दरअसल दिल्ली सरकार का मानना है कि कई मामलों में निचले स्तर पर रिश्वत के लिए आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया जाता है या फिर उनमें देरी की जाती है ।
मुख्यमंत्री ने इस योजना की समीक्षा बैठक की, जिसमें सभी मंत्री और इस योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभा रहे अधिकारी मौजूद रहे। पहले दिन से कुल 13,783 कॉल्स कनेक्ट हुई हैं।
डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज योजना का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों को न केवल उनके घर पर सहूलियत के साथ सरकारी सेवाएं मुहैया कराना है, बल्कि इसका मकसद विभिन्न सरकारी विभागों में विभिन्न स्तर पर भ्रष्टाचार का खात्मा करना भी है।
मुख्यमंत्री की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार अगर किसी मामले को रिजेक्ट करना है तो इसके लिए संबंधित विभाग के मंत्री से मंजूरी लेनी होगी। इस तरह के मामलों पर 24 घंटे के भीतर फैसला लेना होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिया है कि सेवाओं की डिलीवरी के लिए निर्धारित समय सीमा का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए। समय सीमा संबंधी कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।