नई दिल्ली: विद्यार्थियों व कर्मचारियों को मिलने वाली मेस सेवा पर पांच प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा. वित्त मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि मेस चाहे शैक्षणिक संस्थान द्वारा संचालित हों या किसी बाहरी ठेकेदार द्वारा, जीएसटी की दर मेस के लिए पांच प्रतिशत ही रहेगी.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने होस्टल मेस द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है.
सीबीईसी ने कहा, ‘‘मेस या कैंटीन द्वारा खाद्य या पेय की आपूर्ति पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. दर पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि मेस का संचालन शैक्षणिक संस्थान खुद कर रही है या कोई बाहरी ठेकेदार उसे चला रहा है.’’