April 3, 2018

कर दे ना बरबाद , यह आरक्षण की आग। हेमंत ‘स्नेही’ जी का आरक्षण पर काव्य द्वारा कटाक्ष

हेमंत ‘स्नेही’ कितनी ही भाषाएँ हैं, कितने हैं परिवेश, जाति-धर्म के नाम पर क्यों जलने दें देश। राजाओं के ठाठ पर कहते खुद को रंक, घायल...

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