टेन न्यूज नेटवर्क
लखनऊ (04 नवंबर 2024): उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों की तारीखें टालने के निर्णय पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव स्थगित किया गया था, और अब अन्य सीटों के लिए भी चुनावी तारीखें बढ़ा दी गई हैं।
विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि भाजपा की यह चाल उनकी असुरक्षा का संकेत है। यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे उपाय कर रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में उसकी स्थिति को और कमजोर कर सकती है। यह कदम विपक्ष के लिए एक अवसर के रूप में उभर सकता है, जिससे वे जनता के बीच अपनी बात रखकर भाजपा को चुनौती दे सकें। राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है, और सभी की नजरें अब आगामी उपचुनावों पर हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, “टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे! पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाक़ी सीटों के उपचुनाव की तारीख़, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी। दरअसल बात ये है कि उप्र में ‘महा-बेरोज़गारी’ की वजह से जो लोग पूरे देश में काम-रोज़गार के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उप्र आए हुए हैं, और उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालनेवाले थे। जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया, जिससे लोगों की छुट्टी ख़त्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं।
ये भाजपा की पुरानी चाल है :
हारेंगे तो टालेंगे।”
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