रेलवे किराये में कटौती करेगी।
नई दिल्ली: रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि फ्लैक्सी फेयर सिस्टम को लेकर पैसेंजर्स की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। गोयल ने कहा- शिकायतों के मद्देनजर इस सिस्टम को रिव्यू करने का प्लान बनाया गया है। इस तरह के टिकट के दाम घटाए जा सकते हैं। रेलवे मिनिस्टर ने रेल भवन में मीटिंग के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।बता दें कि 9 सितंबर 2016 को रेलवे ने फ्लैक्सी फेयर टिकटिंग सिस्टम शुरू किया था। इसमें राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी लग्जरी ट्रेनों को भी शामिल किया गया था। इस सिस्टम के तहत ट्रेनों में चार्ट बनने के बाद 10 फीसदी ज्यादा किराया देकर सीट हासिल की जा सकती है। बाद में कुछ बदलाव भी इसमें किए गए थे। गोयल ने कहा- मैंने फ्लैक्सी फेयर टिकटिंग सिस्टम को लेकर कुछ शिकायतें सुनी हैं। इस पर हम जल्द ही फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के तहत बेचे गए टिकटों के दाम कम भी किए जा सकते हैं। 19 दिसंबर को रेलवे ने फ्लैक्सी फेयर सिस्टम में बदलाव किया था। इसके तहत दिए जाने वाले टिकट की कीमतों में 10 फीसदी की कमी की गई थी। लेकिन, शर्त ये थी कि पहला चार्ट बनने के बाद बची हुई सीटों पर ही ये नियम लागू होगा। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि किराया नहीं बढ़ाया जाएगा। गोयल ने कहा- 1 नवंबर से 48 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन्स को सुपरफास्ट में बदल दिया जाएगा। इसके अलावा कुल 700 ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जाएगी। मुंबई में 1 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच 100 नई ट्रेन सर्विस शुरू की जाएंगी। पैसेंजर सेफ्टी का मुद्दा रेलवे के लिए इन दिनों चिंता की सबसे बड़ी वजह बना हुआ है। इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर गोयल ने कहा- पैसेंजर सेफ्टी के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जितनी भी अनमैन्ड रेलवे क्रॉसिंग हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा। स्टेशन और कोच में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा- जिन रूट्स पर ट्रैक खराब हालत में हैं, उन्हें बदला जाएगा। इसके अलावा ट्रैक में खराबी का पता लगाने के लिए नई सोनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। मैंने अफसरों से सिग्नल सिस्टम को भी बदलने के लिए कहा है।गोयल ने कहा कि रेलवे अपने कुछ और अहम ट्रैक्स का इलेक्ट्रिफिकेशन करने जा रहा है। इसके जरिए रेलवे फ्यूल पर खर्च होने वाले 10 हजार करोड़ रुपए बचा सकेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए मोबाइल एप्लीकेशन बनाने पर भी फोकस कर रहा है।
– रेलवे ने 9 सितंबर से प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की शुरुआत की थी। इसकी वजह कई सीटों/बर्थों का खाली रहना बताया गया था।
– अक्टूबर के अंत में सिस्टम का रिव्यू किया गया। इसके बाद रेलवे ने तय किया कि राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस में 50% तक बढ़ने वाला बेस फेयर 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
– प्रीमियम ट्रेनों में चार्ट बनने के बाद पैसेंजर बेस फेयर से 40% (1.4 गुना) किराया देकर ज्यादा बर्थ ले सकता है।
– बता दें कि फ्लेक्सी फेयर स्कीम सेकंड एसी, थर्ड एसी, एसी चेयरकार और स्लीपर के लिए है। एसी फर्स्ट क्लास और एग्जीक्यूटिव क्लास को इससे बाहर रखा गया है।