टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (01 नवंबर 2023): दिल्ली सचिवालय के बाहर डीटीसी बसों में तैनात मार्शलों का प्रदर्शन पिछले एक हफ्ते से प्रदर्शन जारी है। पिछले 6 महीने से वेतन न मिलने से मार्शलों में काफी नाराजगी है, इसके साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सिविल डिफेंस कर्मचारियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है।
दिल्ली सचिवालय के बाहर मार्शलों के धरने में कुछ दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पहुंचे थे। सचदेवा ने कहा था कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार मार्शलों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है, उनकी मांग जायज है, उसका जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए।
मार्शलों के धरने में आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेस नेता पहुंचे। अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मार्शलों की मांग जायज है कांग्रेस पार्टी यहां कोई राजनीति करने नहीं आई है। कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि जल्द से जल्द इसका रास्ता निकाला जाए। अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मैं दिल्ली के लोग और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध करता हूं कि उनके जायज मांग को जल्द पूरा किया जाए नहीं तो आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन और गंभीर होगा। कांग्रेस पार्टी हमेशा सत्य के साथ खड़ी रही है।
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि इनकी मांग जायज है बीजेपी के अध्यक्ष कुछ दिन पहले यहां आए थे उनको ऑर्डर देना चाहिए था। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो ऑर्डर देती थी। लवली ने कहा कि आज यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने बच्चों के साथ आज धरने में बैठी है, लेकिन केंद्र और राज्य में बैठी सरकार को कर नहीं रही है।
कांग्रेस पार्टी मार्शलों के साथ खड़ी है और हमारा मकसद राजनीति करना नहीं है। मैं यहां से आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को निमंत्रण देता हूं कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी तीनों दलों के नेता एलजी के पास चले और मार्शलों की जो समस्याएं हैं उसको हल करने के लिए एलजी से अनुरोध करें।
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि अब और अन्याय नहीं सहेंगे।DTC मार्शलों पर अब आर-पार की लड़ाई होगी। दिल्ली में DTC व क्लस्टर बसों में 10 हजार से ज्यादा कार्यरत मार्शलों की रोजी-रोटी खतरे में है, सरकार उनकी आजीविका छीनने की कोशिश में लगी है। लवली ने कहा कि अब और अन्याय नहीं सहेंगे। DTC मार्शलों पर अब आर-पार की लड़ाई होगी। दिल्ली में DTC व क्लस्टर बसों में 10 हजार से ज्यादा कार्यरत मार्शलों की रोजी-रोटी खतरे में है, सरकार उनकी आजीविका छीनने की कोशिश में लगी है।।