टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (30/10/2023): दिल्ली के जंतर मंतर पर आज देशभर की आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रचंड प्रदर्शन किया। देशभर के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में पहुंचे आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करती हुई दिखाई दी। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज का प्रदर्शन सरकार को आखरी चेतावनी है।
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सार्वभौमिक रूप से लागू और पर्याप्त वित्तीय आवंटन के साथ एनएचएम को सरकार का स्थायी स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाओ। 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू किया जाए। मजदूरों के रूप में नियमितीकरण सभी सामाजिक सुरक्षा हितलाभ सहित न्यूनतम वेतन रु० 26,000 प्रति माह पेंशन रु० 10,000 प्रति माह दिया जाए।
लंबित नियमितीकरण, वेतन में वृद्धि और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ना, आशा वर्कर्स के विभिन्न कर्तव्यों के लिए प्रोत्साहन को संशोधित करें। पारिश्रमिक, भत्ते आदि के सभी बकाया का तत्काल भुगतान किया जाए। पूरे देश में एक जैसी कामकाजी परिस्थितियां सुनिश्चित किया जाए।
6 महीने का सवैतनिक मातृत्व अवकाश और 20 दिनों का आकस्मिक अवकाश और चिकित्सा अवकाश सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ पदोन्नति नीति बनाओ जिससे एएनएम की नियुक्ति में कोटा सुनिश्चित हो। कोविड ड्यूटी के दौरान मृतक सभी आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स के उत्तराधिकारियों को 50 लाख रुपये के जीवन बीमा सहित सभी मुआवजे का तत्काल भुगतान करें।
POSH अधिनियम लागू करो, सभी पीएचसी/सीएचसी और अस्पतालों में “आशा कक्ष” प्रदान करो। ड्यूटी के लिए यात्रा व्यय का भुगतान करो, बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत आवंटित करो। स्वास्थ्य जैसी सभी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के प्रस्तावों को वापस लिया जाए। श्राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन एनडीएचएम को वापस लिया जाए। चारों श्रम संहिताओं को वापस लो। श्रम कानूनों के दायरे में आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स को शामिल किया जाए।।