टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (16 अगस्त 2023): बीते सोमवार को उच्चतम न्यायालय में टाइटल SCBA vs BD kaushik के रूप में एक याचिका दायर की गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं के मताधिकार का मामला उठाया गया।
उक्त विषय में टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत में उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट लाइफ मेंबर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार पांडेय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में जो अधिवक्ता प्रेक्टिस कर रहे हैं उनको लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। दायर याचिका का विषय अधिवक्ताओं के वोटिंग राइट्स का मामला था। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं की संख्या 18 हजार है, वोटिंग राइट्स महज 2600 लोगों के पास है और जिसमें वोट डालने वाले लोग मात्र 2000 होते हैं। तो एक तरह से ये कुछ लोगों की ‘पॉकेट संस्था’ बनाकर रख दी गई है। 18000 सदस्यों वाली संस्था को महज कुछ हजार लोगों के स्वामित्व की संस्था बना दी गई है। सभी सदस्यों से वार्षिक सदस्यता शुल्क ली जाती है लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं है। इसी विषय में याचिका दायर की गई।
आगे उन्होंने कहा कि इस विषय में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मनमानी के नियम तैयार कर लिए हैं। जो वरिष्ठ अधिवक्ता हैं जिन्हें वोटिंग के अधिकार मिले हैं वो चाहे एकबार भी न्यायालय आए ना आए, उन्हें ये अधिकार प्राप्त है और चैंबर में वो आए या उसे किराए पर लगा दे वो उन्हें अलॉट है। वहीं आम अधिवक्ता के लिए नियम है कि उन्हें कम से कम 60 बार किसी मामले में सुप्रीम कोर्ट आना होगा और इसी आधार पर वो सबों को बाहर कर देते हैं। हमलोग सुप्रीम कोर्ट के लाइफ मेंबर हैं। हमने इसके बदले 1.50 लाख रूपये दिए हैं।याचिका इसी विषय को लेकर लगाई गई कि लोकतंत्र में किसी से आप मताधिकार से कैसे वंचित कर सकते हैं।
आपको बता दें कि उक्त मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने की। वहीं न्यायालय ने इस मामले में फिलहाल 8 सप्ताह का समय दिया है और एससीबीए को उचित एवं विधिसम्मत कदम उठाने को कहा है। याचिका कर्ता की तरफ से उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता इंदु कौल, अरुण मिश्रा, अजय कुमार जैन, सुशांत मलिक, मुकेश मिश्रा और डॉ अजय कुमार पांडेय पेश हुए। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ आदिश सी अग्रवाला पेश हुए।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का पक्ष जानने को लेकर टेन न्यूज की टीम ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता रोहित पांडे से संपर्क किया। अधिवक्ता रोहित पांडे ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का स्टैंड स्पष्ट करना थोड़ा मुश्किल है, अभी मैं नहीं बता सकता कि एससीबीए का स्टैंड क्या होगा। मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इस मामले को संस्था के कार्यकारी सदस्यों एवं अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा, उसके बाद ही कुछ स्पष्ट निर्णय लिया जा सकता है। हालाकि अधिवक्ता पांडे ने कहा कि मेरा मानना है कि मताधिकार का प्रयोग सभी सदस्यों को होना चाहिए।
गौरतलब है कि न्यायालय ने एससीबीए को आठ सप्ताह का समय दिया है।।