टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (01/05/2023): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘समर एक्शन प्लान’ की घोषणा की है। इस दौरान अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की हवा में काफी सुधार हुआ है यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है क्योंकि अगर पूरे देश में देखे तो हर शहर में एयर पोलूशन की स्थिति खराब होती जा रही है। लेकिन दिल्ली में दिल्ली सरकार की कामों की वजह से और दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के संघर्ष, मेहनत और सहयोग की वजह से दिल्ली में लगातार पोलूशन कम हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर 2016 से 2022 के बीच में देखें तो तीस परसेंट पोलूशन में कमी आई है जो बहुत बड़ी बात है। इसी दौरान 2016 में जो सीवियर कैटेगरी के दिन होते थे 365 में से वो 26 दिन सीवियर कैटेगरी के होते थे इसमें बहुत ज्यादा पोलूशन होता था। एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ज्यादा होता था। यह 2022 में घटकर केवल 6 रह गया है, जो बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों साल को देखें तो वेरी पुअर और सीवियर दोनों कैटेगरी को मिलाकर 2016 में 124 दिन होते थे जो कि 2022 में घटकर 72 रह गए हैं। अच्छी तरफ आए तो 2016 में सेटिस्फेक्ट्री गुड और मॉडरेट 109 दिन होते थे। ये 2022 में बढ़कर गुड सेटिस्फेक्ट्री और मॉडरेट 163 दिन हो गए और अच्छे दिनों की संख्या बढ़ गई है। ये कई सारे स्टेप लेने के वजह से हुआ है। Real Time Source Apportionment Study से पता चला है कि सर्दियों में विंटर एक्शन प्लान बनाते हैं वैसे ही पिछले साल से हमने गर्मियों में समर एक्शन प्लान बनाना चालू किया क्योंकि गर्मियों और सर्दियों में पोलूशन के कारण अलग होते है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम समर एक्शन प्लान ऐलान कर रहे हैं जिसमें कुछ शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म स्टेप्स होंगे। 30 सरकारी डिपार्टमेंट के साथ बैठकर यह समर एक्शन प्लान बनाया गया है। इसमें 14 मुख्य बिंदु है। गर्मियों के अंदर डस्ट पोलूशन सबसे ज्यादा देखा गया है। इसके अंदर लगभग 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही हैं ताकि सड़कों की स्वीपिंग मशीनों से कराई जा सके और 609 पानी के स्प्रिंकलर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा 185 मोबाइल एंटी स्मोगन लगाई जा रही है। ये तो वो सब है जो हमारे पास है। इस बार बड़े पैमाने पर हम लोग 70 इंटीग्रेटेड मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन खरीद रहे हैं और 250 इंटीग्रेटेड वाटर स्प्रिंकलर मशीनें भी खरीद रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूरी दिल्ली में दोपहर के टाइम 225 और रात के टाइम 159 पेट्रोलिंग टीम लगाई जा रही है जो देखेंगे कि कोई ऐसे सोर्स तो नहीं है जहां से मिट्टी उड़ रही है और वो मिट्टी रोकने की कोशिश करेंगे। 13 आईडेंटिफाइड हॉटस्पॉट्स है वहां पर हम Real Time Source Apportionment Study जो है उसके जरिए हम उन 13 हॉटस्पॉट्स को स्टडी करने की कोशिश करेंगे कि वहां पर ऐसे कौन से सोर्स हैं जिनकी वजह से मिट्टी उड़ रही है।
उन्होंने आगे कहा कि एक नया रूल बनाया गया कि 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा का जहां भी कंस्ट्रक्शन साइट है उनको अपने आप को रजिस्टर करना पड़ेगा और उसके ऊपर हम क्लोज नज़र रखेंगे कि वहां से तो मिट्टी नहीं उड़ रही है। अभी तक 750 ऐसे साइट है जिन्होंने अपने आप को रजिस्टर करवाया है और उनके ऊपर सरकार नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा ओपन बर्निंग जो खुले में कूड़े जलाने की प्रथा है उसे रोकने के लिए 220 पेट्रोलिंग टीम बनाई गई है और रात को 176 पेट्रोलिंग टीम बनाई गई है और लैंड फील्ड पर फायर कंट्रोल करने के लिए एक एसओपई तैयार किया गया है जिसको लागू करवाया जाएगा ताकि लैंडफिल के ऊपर आग न लग सकें।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया के अंदर अवैध रूप से कचरा डंप किया जाता है उसको रोकने के लिए डीपीसीसी डीएसआईडीसी की 33 टीम बनाई गई है जो कि यहां पर इसको रोकने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पूरी योजना तैयार की जा रही है कि उनका कलेक्शन और इनका डिस्पोजल जो है वो साइंटिफिक रूप से किया जा सके। एमसीडी के साथ मिलकर दिल्ली के पूरे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को ठीक करने की प्रक्रिया तैयार किया जा रहा है। इस साल ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए 5200000 पौधे लगाने का टारगेट है जिसमें 4200000 पौधे समर के दौरान लगाए जाएंगे और इनमें से चार लाख पौधे लोगों को फ्री में बांटे जाएंगे। ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी जो है वो कॉफी सक्सेसफुल है। उसमें अब ये कोशिश की जा रही है कि जो पेड़ ट्रांसप्लांट किए जाते हैं उनमें से ज्यादा से ज्यादा पेड़ जो है वो बचे रहें या जीवित रहें उसके ऊपर अब जोड़ दिया जा रहा है और इसके लिए स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है। सात सिटी फॉरेस्ट डेवलप किए जा रहे हैं। अर्बन फॉर्मिंग के लिए 400 वर्कशॉप की जाएगी और इसमें लोगों को फ्री प्रशिक्षण किट दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पार्को को विकास करने के लिए अब एनडीएमसी और एमसीडी दोनों को टारगेट दिया है कि कम से कम जो आधे एकड़ से ज्यादा के जितने पार्क हैं वो सारे पार्कों का विकास दिसंबर तक कंप्लीट कर लिया जाए और इसकी संख्या 3500 है। बाकी के 16-17 हजार एमसीडी के पार्को का विकास अगले साल मार्च-अप्रैल तक कर लिया जाए। होलांबी कलां में ई-वेस्ट इको पार्क 20 एकड़ की जमीन में बनाया जा रहा है ये अपने आप में इस तरह का पहला पार्क पूरे देश में होगा। 2000 स्कूल और कॉलेज में इको क्लब चल रहे हैं उनके अलग अलग एक्टिविटीज होती रहती हैं। पड़ोसी राज्यों के साथ हम संपर्क में रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह इतनी क्लोज निगरानी रखने की वजह से ही दिल्ली की आबोहवा में इंप्रूवमेंट हो रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि अभी भी दिल्ली के अंदर पिछले साल 6 दिन थे जो सीवियर केटेगरी में थे और 66 दिन वेरी पुअर केटेगरी में थे। दोनों को मिलाकर 72 दिन थे। जल्द ही 2-4 साल के अंदर एक भी दिन नहीं होना चाहिए जो कि सीवियर और वेरी पुअर कैटेगरी में हो।