टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (05/04/2023): दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि गत 8 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार ने नवरत्न सरकारी संस्थान दिल्ली जल बोर्ड जो 2014-15 में 700 करोड़ के वार्षिक लाभ में था को आर्थिक बर्बादी में धकेल दिया है, और आज दिल्ली बोर्ड पर 71000 करोड़ रूपए का कर्ज है। दिल्ली जल बोर्ड बर्बादी में पहुंच गया है और दिल्ली वाले आज भी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। झुग्गी बस्ती से लेकर पॉज कॉलोनियों तक जल बोर्ड से लोगों को काला गंदा पानी आने की शिकायत है। अधिकृत कॉलोनी हो, झुग्गी बस्ती हो या स्लम बस्ती सभी जगह नई पानी सप्लाई की पाइपलाइन डालने का काम ठप्प है।
इसी तरह गत 8 साल में यमुना सफाई पर केजरीवाल सरकार ने 6800 करोड़ रूपए की बंदरबांट के बावजूद यमुना पहले से अधिक मैली है। सचदेवा ने कहा है की लाभ में चलने वाला जल बोर्ड आज 71000 करोड़ केे कर्ज में और दिल्ली सरकार इस वित्त वर्ष 2023-24 का पूरा बजट भी झोंक दे तो भी इसे लाभ में नही ला सकती।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है की केजरीवाल सरकार अक्सर यमुना जल में आमोनिया की मात्रा बढ़ जाने के नाम पर कटौती करती है और इसका दोष हरियाणा पर डालने की कोशिश करती है जबकि खुद दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी मानती है की दिल्ली हरियाणा बार्डर स्थित पल्ला गांव पर जब यमुना दिल्ली में घुसती है तो उसका जल लगभग निर्मल होता है। यह खेद पूर्ण है की विशेषज्ञों के अनुसार यमुना अपनी कुल यात्रा लगभग 1400 किलोमीटर की यात्रा में से केवल 34 किलोमीटर दिल्ली में बहती है पर यमुना के कुल प्रदूषण का लगभग 75% दिल्ली से जुड़ता है।
यह शर्मनाक है की छोटे नालों की तो छोड़िए पूर्वी दिल्ली के मुख्य नाले और बारापुला नाले जैसे बड़े नाले बिना ट्रीटमेंट यमुना में गिर रहे हैं। इस संदर्भ में वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा नजफगढ़ नाले की सफाई शुरू करवाने का जिक्र करते हुऐ वहाँ एस.टी.पी. का बड़ा प्लांट लगाने पर बल दिया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की यूँ तो दिल्ली के शराब एवं स्कूल निर्माण घोटालों पर खूब चर्चा होती है पर सच यह है की दिल्ली जल बोर्ड एवं यमुना सफाई केजरीवाल सरकार के दो सबसे बड़े घोटाले हैं और यह कहना अतिशयोक्ति ना होगा की अरविंद केजरीवाल खुद इसके जिम्मेदार हैं।
आज दिल्ली की जनता और भाजपा दोनों मानते हैं की यमुना सफाई एवं जल बोर्ड बर्बादी से सीधा आर्थिक लाभ केजरीवाल एवं आम आदमी पार्टी को हुआ है। इसी भ्रष्टाचार के पैसे से अरविंद केजरीवाल अपना राष्ट्र व्यापी राजनीतिक विस्तार अभियान चला रहे हैं।।