टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (17/02/2023): आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने एलजी द्वारा गैर-कानूनी और असंवैधानिक तरीके हज कमेटी का चुनाव कराने पर आज कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एलजी ने अफसरों को डरा-धमका कर गैर कानूनी तरीके से हज कमेटी का चुनाव और नोटिफिकेशन कराया। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के अनुसार एलजी के पास जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था है। जबकि हज कमिटी दिल्ली की चुनी हुई सरकार के राजस्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है।
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर अपने आदेश में कहा है कि एलजी के पास स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है और वे मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं। विधायक आतिशी ने कहा कि एलजी भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं। आज वो दिल्ली के एलजी हैं, कल नहीं होंगे। लेकिन संविधान हम सबसे ऊपर है। एलजी से आग्रह है कि संवैधानिक पद पर बैठकर संविधान की गरिमा का पालन करें और गैरकानूनी काम छोड़ दें।
आतिशी ने कहा कि हज कमेटी का आज एक गैर कानूनी, गैर संवैधानिक चुनाव हुआ है। हज कमेटी के चेयरमैन का यह चुनाव गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक है। क्योंकि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गा आता है। राजस्व विभाग शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, राजस्व की तरह ट्रांसफर्ड सब्जेक्ट है और यह दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इन ट्रांसफर्ड सब्जेक्ट्स पर एलजी साहब को स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। इस बात को बहुत स्पष्ट तौर पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने निर्णय में बताया था।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में दो बार यह स्पष्ट किया है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। संवैधानिक पीठ ने कहा कि लैंड, लॉ एंड ऑर्डर और पुलिस, ये तीन मुद्दे केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। इन तीनों विषयों पर ही एलजी साहब निर्णय ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर आदेश में लिखा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है और वे मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं। इससे यह साफ है कि एलजी साहब मंत्रिपरिषद के निर्णय का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
आतिशी ने कहा कि हज कमेटी का गठन न लैंड में आता है, न लॉ एंड ऑर्डर और न तो पुलिस के अधीन आता है। यह दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है। राजस्व विभाग के बारे में संवैधानिक पीठ ने साफ कहा है कि एलजी मंत्रिपरिषद के निर्णय का पालन करने के लिए बाध्य हैं। लेकिन एलजी साहब के लिए संविधान, कानून और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ कोई मायने नहीं रखते हैं। वे खुद को कानून और संविधान के ऊपर मानते हैं। एलजी साहब ने हज कमेटी के नामित होने वाले सदस्यों के नामों में फेरबदल कर गैरकानूनी और गैर-संवैधानिक तरीके से हज कमेटी बनाई है। उसके बाद अफसरों को धमका कर गैरकानूनी तरीके से हज कमेटी को नोटिफाई कराया। एलजी साहब ने अफसरों को कहा कि अगर तुमने हज कमेटी नोटिफाई नहीं की तो तुम्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। आज एलजी साहब ने गैरकानूनी तरीके से गठित हज कमेटी में चेयरमैन का चुनाव कराकर तीसरी बार गैरकानूनी और गैर-संवैधानिक कार्य किया है।।