टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 फरवरी 2023): भारतीय समाज में चिकित्सकों को ‘भगवान’ की उपाधि दी गई है, उन्हें पृथ्वी का भगवान माना जाता है। परंतु कभी कभी कुछ चिकत्सिक ऐसे कार्य कर देते हैं जिनसे मरीजों का विश्वास डिगने लगता है। ऐसे ही कुछ चौंकाने वाला मामला गुरुग्राम के एक बड़े और नामी निजी अस्पताल से सामने आया है। पूरा मामला जानकर आप दंग रह जाएंगे कि आखिर इतने बड़े निजी अस्पताल में चिकित्सक एवं नर्स ऐसी लापरवाही कैसे कर सकती हैं।
ज्ञात जानकारी के अनुसार गुरुग्राम के मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल में 31 जनवरी को कपिल ढाल ने अपने आठ वर्षीय बच्ची के टॉन्सिल का ऑपरेशन कराया। टेन न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में बच्ची के पिता कपिल ढाल ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद से ही बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बच्ची ने अपने माता पिता को बताया जिसके बाद बच्ची के पिता कपिल ढाल ने चिकित्सकों को समस्या से अवगत कराया, लेकिन चिकित्सकों ने अनसुना कर दिया। दो दिनों के बाद बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन बच्ची को नाक से सांस लेने में लगातार दिक्कत हो रही थी। परिजनों द्वारा चिकित्सकों को पुन: बताने के बाद बच्ची को जब चिकित्सकों ने देखा तो उसके नाक में लगभग 10 इंच लंबा कॉटन का टुकड़ा मिला। परिजनों द्वारा पूछे जाने के बाद डॉक्टर्स ने इसे नर्स की गलती बताते हुए अनसुना कर दिया।
बच्ची के पिता ने इस घोर लापरवाही के मामले को लेकर गुरुग्राम सेक्टर 29 कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है।
SHO का बयान
गुरुग्राम सेक्टर 29 कोतवाली के SHO पवन कुमार ने टेन न्यूज से बातचीत में कहा कि ” ऐसे मामले में पुलिस सीधे कारवाई नहीं करती है। हमने इस मामले को CMO को भेज दिया है।”
टेन न्यूज की टीम ने CMO से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है, संपर्क होते ही खबर को अपडेट किया जाएगा।
अस्पताल का पक्ष
मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल गुरुग्राम की मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन टीम से डॉ शैली ने टेन न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि अस्पताल ने इस मामले को लेकर कमेटी गठित किया है, और हमने बच्ची को पिता को कई बार बुलाया है इस मसले पर बातचीत करने को लेकर। लेकिन वो अबतक नहीं आए हैं, आगे भी उनसे बातचीत की जाएगी।
ऐसी घोर लापरवाही को लेकर सवाल पूछे जाने पर डॉ शैली ने कहा कि इस मामले को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है।
अब सवाल यह है कि इतने बड़े बड़े अस्पताल समूह में जब इस प्रकार की बड़ी लापरवाही होगी जिससे किसी की जान जा सकती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? और फिर लोग कितनी उम्मीदों से इन अस्पतालों के मोटी मोटी फीस भरने के बाद अपना बेहतर इलाज कराने यहां आते हैं वहां इस तरह की लापरवाही कैसे हो सकती है?