रोजी-रोटी बचाने के लिए रेलवे वेंडर्स ने जं तर मंतर पर किया धरना-प्रदर्शन

रोजी-रोटी बचाने के लिए रेलवे वेंडर्स ने जंतर मंतर पर किया धरना-प्रदर्शन
नई वेंडर पालिसी पर पुर्नविचार किये जाने की कि मांग
10 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा रेल मंत्री को
मांगे नहंी मानी गयी तो देशभर में करेंगे आंदोलन
नई दिल्ली। देश भर के रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले वेंडरों ने आज अपनी ‘रोजी-रोटी’ बचाने के लिए जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोशिशन की ओर से आयोजित इस धरन-प्रदर्शन में भारी संख्या में देशभर से आये वेंडर शामिल हुए। एसोसिएशन की ओर 10 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन रेल मंत्री को सौंपा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जब सत्ता में आये थे तो जोर शोर से प्रचार किया गया था कि एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बना है, लेकिन उनके आने के बाद हम चाय वालों (बेंडरों) की रोजी-रोटी छिनी जा रही है। रेलवे स्टेशनों पर खाने पीने का सामान बेचने वाले जिनमें खोमचा/बाल्टा/ट्राली वाले शामिल हैं की रेलवे बोर्ड ने रोजी रोटी छिननी शुरू कर दी। इस मुद्दे को कई सांसदों ने समय-समय पर संसद में शून्य काल के समय उठाते रहे हैं पर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है। श्री गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेल मंत्रालय बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होने कहा कि रेलवे बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के 29 जनवरी 2016 के निर्णय का भी सम्मान नहीं किया। बोर्ड ने 15 मार्च के सकरुलर नंबर 22 के तहत गरीब लोगों की रोजी रोटी छीनने का काम किया है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट के सम्मान में सर्कुलर को रद्द करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड की हठधर्मिंता तो यहां तक बढ़ गई है कि सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी आगरा मंडल में लाईसेंसियों के लाईसेंस रद्द कर दिये गये। इतना ही नहीं उनकी दुकानों को तोड़ दिया गया। वाराणसी मंडल की बंद दुकानों को खोलने पर भी काम नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को नहीं मांगा गया तो हम बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। एसोसिएशन के महासचिव महबूब आलम लारी ने कहा कि यह सरकार गरीबों को नहीं अमीरों की है। चाय बेचकर सत्ता तक पहुंचने की बात करने वाले प्रधानमंत्री चाय बेचने वालों की रोजी रोटी छिन रहे है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए जनता का साथ लिया था हमें इस सरकार से लड़ने के साथ एक साथ आना होगा। इस मौके पर उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, राजस्थान आदि राज्यों से आये मजदूर नेताओं ने अपनी बात रखी।