हमें विकसित भारत बनाना है तो हर घर तक सकारात्मक मनोवृति पहुंचाना होगा: उपसभापति, राज्यसभा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (21 नवंबर 2022): राजधानी दिल्ली में आयोजित 2nd National Summit On Leadership In Positivity कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे उपस्थित रहे वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने भाग लिया।

राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने मंच से सभी अतिथियों एवं गणमान्य सज्जनों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है तो हमें एक सकारात्मक मनोवृति हर घर तक पहुंचाना होगा। भारत के पूर्व विदेश सचिव एवं प्रसिद्ध लेखक ज्ञानेश्वर मुले के जीवन यात्रा पर लिखित पुस्तक ‘पासपोर्ट मैन ऑफ इंडिया’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़नी चाहिए। जब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ जाएगी तो स्वत: सारे रास्ते खुल जाएंगे कि भारत सुरक्षा परिषद का सदस्य कैसे बनेगा, भारत आर्थिक ताकत कैसे बनेगा और भारत विश्वगुरू कैसे बनेगा।

 

राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने आगे कहा कि मुझे नेशनल सम्मिट ऑन लीडरशीप इन पॉजिटिविटी के इस कार्यक्रम में आने का, इसे जानने और देखने का मौका ज्ञानेश्वर मुले जी ने दिया मैं उनको और संस्था को धन्यवाद देता हूं। पॉजिटिविटी को अपने जीवन का हिस्सा बनाए बैगर आप अपने निजी जीवन में कुछ नया कर सकते हैं, और ना ही देश के लिए कुछ कर सकते हैं। और उसी पॉजिटिविटी के विस्तार का कार्य यह संस्था कर रही है।

कार्यक्रम के विषय में बताते हुए श्री हरिवंश ने कहा कि संस्था के द्वारा अगले 25 वर्ष का रोड मैप प्रस्तुत किया, यानि भारत 100 वर्षों में कहां होगा इसका रोड मैप तैयार करना और उसे गांव-गांव और विश्विद्यालय तक कैसे पहुंचे इस पर सोचना और ऐसे आयोजन हो तो निश्चित रूप से एक परिवर्तन होगा।

श्री हरिवंश ने कहा कि मैं गांव से आता हूं और मैं जानता हूं कि खेत में यदि मिट्टी अच्छे से तैयार किया जाए, अच्छे बीज बोए जाए तो भूमि जरूर उर्वर होगा और फसल अच्छे होंगे। वैसे ही लोगो के माइंडसेट को बदलने की और पॉजिटिविटी की जरूरत है, एक दिन बदलाव निश्चित होगा।

आखिरी में उन्होंने कहा कि यदि हमें विश्वगुरु बनना है तो पहले हमें गांव-गांव के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आंदोलनों को पढ़ना और समझना होगा, उनकी जड़ों को जानना होगा।।