पटना। शनिवार को नीतीश की नई कैबिनेट के एकमात्र मुस्लिम मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा कि उन्हें ‘जय श्रीराम’ कहने में कोई गुरेज नहीं है. उन्होंने कहा, ‘बिहार के विकास और समरसता के लिए मैं जय श्रीराम कहूंगा. मैं अपने बयान पर कायम हूं और कभी भी कदम पीछे नहीं हटाउंगा.’ मंत्री के जय श्रीराम बोलने पर आपत्ति जताते हुए इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने इस्लाम से बेदखल करने का फतवा जारी किया है. फतवे में मंत्री का निकाह भी रद्द किए जाने की बात कही गई है. विवाद बढ़ता देख मंत्री ने माफी मांग ली है. उन्होंने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं. खुर्शीद सिकटा सीट से जेडीयू के विधायक हैं.
फतवाः इस्लाम से बेदखल, निकाह भी रद्द
इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती ने शुर्शीद को राजनीति के लिए धर्म के बेचने का आरोप लगाते हुए फतवा जारी किया. फतवा में घोषणा की गई कि खुर्शीद को इस्लाम से बाहर किया जाता है. मुफ्ती ने उनका निकाह भी रद्द कर दिया. फतवे के अनुसार उन्हें अपनी गलती के लिए तौबा करने के बाद फिर से निकाह करना होगा.
फतवा पर मंत्री का जवाब
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद ने कहा कि वे ऐसे फतवे से नहीं डरते. उन्होंने कहा, ‘फतवा जारी करने के पहले उनसे पूछना चाहिए था. मैं किस नीयत से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाता हूं, यह पूछना चाहिए था. मैं इस फतवा को नहीं मानता. मेरे इमान में खोट नहीं. मैं सच्चा मुसलमान हूं.’
विधानसभा में लगाए थे जय श्रीराम के नारे
विगत 28 जुलाई को विधानसभा में एनडीए की नीतीश सरकार का बहुमत साबित होने के बाद पश्चिमी चंपारण के सिकटा से जदयू विधायक खुर्शीद अहमद ने विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे. उन्होंने कहा था कि इस्लाम में नफरत की जगह नहीं है. वे राम के साथ रहीम को भी पूजते हैं.
गौरतलब है कि बिहार में छठी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नीतीश कुमार ने शनिवार को मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए विभागों का बंटवारा किया था. नीतीश मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी कोटे से 11, जनता दल (यूनाइटेड) से 14 और लोक जनशक्ति पार्टी से एक विधायक और विधान पार्षद को जगह दी गई है.