सेव आवर सिटी कैम्पेन के वार्षिक कॉन्क्लेव में दिल्ली के शहरी चुनौतियों पर हुआ मंथन

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (28 मई 2022): RWAs, NGOs और सामाजिक सचेतकों का कैम्पेन सेव आवर सिटी के बैनर तले इंडिया हैबिटैट सेंटर , नई दिल्ली में प्रथम वार्षिक कॉन्क्लेव का हुआ आयोजन। इस में प्रथम सेशन में दिल्ली की प्रदूषण समस्याओं को लेकर हुई व्यापक चर्चा। बैठक के पहले सत्र में प्रदूषण को लेकर मौजूद कई वक्ताओं ने अपने अपने विचारों को रखा।

जानें दिल्ली में प्रदूषण के मूल कारण क्या हैं

पीपीटी प्रेज़ेंट करते हुए और अपनी बातों को रखते हुए चेतना NGO के अध्यक्ष अनिल सूद ने कहा कि ” सरकार आम लोगों पर दोष मढ़ती है कि प्रदूषण आप फैलाते हैं और हमपर प्रतिबंध लगाया जाता है, लेकिन आपको बता दें कि आज दिल्ली में 15 हजार बस की आवश्यकता है और हमारे पास लगभग 3800 बसें हैं इसके लिए कौन जिम्मेदार है। आगे उन्होंने 2012 के रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 10 किलोमीटर के दायरे को एविएशन प्रदूषित करती है, रेलवे प्रदूषित करती है, इसके जिम्मेदार कौन हैं?

साथ ही उन्होंने सरकारी नीतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहां जो शहर में मास्टरप्लान बनाए जाते हैं,उसमें इन समस्याओं के व्यापक समाधान का कोई जिक्र नहीं होता।

मौके पर अपनी बातों को रखते हुए दीवान सिंह ने जल की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी ड्रेनेज समस्या और जल प्रदूषण पर चर्चा करते हुए उसके निदान पर चर्चा किया। उन्होंने कहा कि हम पानी के लिए हरियाणा-पंजाब पर निर्भर हैं, इसपर कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था के तरफ कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है।

कार्यक्रम में अपनी बातों को रखते हुए विशेष उप्पल ने हमारे पर्यावरण और जैव विविधता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जबतक हम जैव विविधता एवं पर्यावरण पारिस्थिकी को संरक्षित एवं संवर्धित नहीं करेंगे तबतक हमारे लिए कई प्रकार की समस्या पैदा होती रहेगी। उन्होंने गौरैया का उदाहरण देते हुए जैव विविधता को समझाया, और उन्होंने कहा कि आप याद रखें कि यदि आप एक पौधे को काटते हैं तो आप एक चिड़िया के आवास को काटते है।

चर्चा में अपनी बातों को रखते हुए राजीव कांकरिया ने अहम बातें कही उन्होंने कहा कि समस्या सभी को मालूम है , हम सभी जानते हैं कि समस्याएं क्या है पर उसका समाधान क्या है। इसबात पर चर्चा करना आवश्यक है। उन्होंने एक उदाहरण से समझाते हुए कहा कि मान लीजिए कि सड़क पर गड्ढे होने के कारण कोई दुर्घटना हो जाती है तो हम तुरन्त हेलमेट चेक करते हैं बाइक सवार को दोष देते हैं लेकिन हम इस बात पर चर्चा नहीं करते कि सड़क में गड्ढे होने के कारण यह घटना हुई। तो पहले हमें समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा करनी चाहिए।

इसप्रकार से प्रदूषण सहित कई चुनौतियों एवं उसके समाधान पर हुई व्यापक चर्चा।।