रंजन अभिषेक, संवाददाता
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (11 मई 2024): भारतीय राजनीति में अलग- अलग राजनीतिक पार्टियों के द्वारा कुछ आदर्शों को स्थापित करने के प्रयास सतत किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में पहली की जनसंघ और अब की भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रारंभिक काल से ही “जय श्री राम” के नारों का सहारा लिया। भाजपा के नेता अलग -अलग मंचों पर पूरी प्रखरता पूर्वक एवं मुखरता से “जय श्री राम” का उद्घोष करते रहे और इसका उन्हें राजनीतिक लाभ एवं नुकसान भी उठाना पड़ा।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय राजनीति की सबसे नई नवेली पार्टी आम आदमी पार्टी ने “जय श्री हनुमान” का नारा दिया है। यह कोई पहली बार नहीं है जब ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से “जय श्री हनुमान” के नारे लगाते नजर आए हैं। दरअसल, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान जब इंडिया गठबंधन ने इस कार्यक्रम में भाग लेने से दूरी बनाई थी उस समय भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली की गलियों में गीता पाठ और सुंदरकांड का पाठ करवा रहे थे। और अब एकबार फिर शुक्रवार को जब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने समर्थकों के बीच “जय श्री हनुमान” का उद्घोष किया। इतना ही नहीं उन्होंने सभी समर्थकों से आह्वान भी किया कि शनिवार को 11 बजे कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में सभी भक्त पहुंचे। वहां से पूजा अर्चना करने के उपरांत सीएम केजरीवाल चुनावी प्रचार प्रसार में लगेंगे।
सीएम केजरीवाल के इन तमाम गतिविधियों से एक बात तो स्पष्ट है कि अब दिल्ली की सियासत में और यहां की सियासी फिजाओं में ” जय श्री राम” के बाद ” जय श्री हनुमान” की भी एंट्री हो गई है। हालाकि एक सवाल ये भी है कि क्या राजधानी की सियासत में अब रामभक्त बनाम हनुमान भक्त होगा, क्योंकि जिस तरह से केजरीवाल ऐलान करने के बाद हनुमान मंदिर पहुंचे हैं उससे तो यही लग रहा है कि दिल्ली में अब रामभक्त बनाम हनुमान भक्त की सियासत जारी रहेगी। सीएम ने आगे अपने समर्थकों को कहा कि “कहा था ना जल्दी आऊंगा, लो आ गया।”
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