टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (15/03/2022): भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश आदेश गुप्ता ने 14 मार्च को एक परिपत्र जारी किया। उन्होंने इस परिपत्र के माध्यम से कहा कि आज दिल्ली में 22000 से अधिक आंगनबाड़ी महिलाएं काम कर रही हैं लेकिन उन्हें न्यूनत्तम रोजगार भत्ता के अंतर्गत भी नहीं रखा गया है। आंगनबाड़ी महिलाओं को प्रतिमाह जितने रुपये मिलते हैं वह एक परिवार को चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने केजरीवाल से मांग की है कि आंगनबाड़ी महिलाओं का वेतन कम से कम 25 हजार रुपये तक होना चाहिए ताकि महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छी तरह कर सके। साथ ही, उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अपने हक के लिए लड़ रही महिलाओं से माफी मंगवाना शर्मनाक बात है और आंगनवाड़ी महिलाओं को नियमित करने का वादा करके बर्खास्त करना केजरीवाल का तानाशाही रवैया है।
परिपत्र में कहा है, “केजरीवाल सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए आंगनवाड़ी की 90 से अधिक महिलाओं को बर्खास्त करने का नोटिस भेज दिया है जबकि प्रदेश महिला बाल विकास ने इन महिलाओं को तत्काल प्रभाव से सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया है क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए दिल्ली सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही थीं। उन्होंने कहा कि पिछले 45 दिनों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रही महिलाओं को माफी पत्र लिखने के लिए दवाब बनाया जा रहा है जो कि बेहद ही शर्मनाक बात है।”
उन्होंने आखिर में कहा कि महिला सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले वायदा किया था कि आंगनवाड़ी महिलाओं को वे नियमित करेंगे लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ उन्होंने अपना असली चेहरा सबको दिखा दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने आंगनवाड़ी के ऊपर पहले ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ यानि एस्मा लागू किया और अब उनका दमन कर रही है। कोरोना काल में जिस तरह से आंगनवाड़ी महिलाओं ने दिन-रात एक कर लोगों की सेवा की है, वह सबने देखा है और आज इस तरह से उनकी आवाज़ों को दबाना इंसानीयत को शर्मसार करना है। यह केजरीवाल सरकार के ‘मॉडल’ का एक प्रमाण है।