“देश भर के बाजारों में उपभोक्ताओं की अभूतपूर्व भीड़ और 1.25 लाख करोड़ के रिकॉर्ड तोड़ व्यापार ने एक बार फिर देश के व्यापारियों पर उपभोक्ताओं के विश्वास को स्थापित किया है वहीँ भारत में ऑफ़लाइन व्यापार की महत्वत्ता को भी साबित किया है ! यह उन चंद सभी तथाकथित थिंक टैंक, अर्थशास्त्रियों और खुदरा विशेषज्ञों और सरकार के कुछ वर्गों को एक मजबूत और विश्वसनीय जवाब है जो बार-बार कह रहे थे कि “ऑफ़लाइन व्यापार के दिन लद गए और ई-कॉमर्स देश के खुदरा व्यापार से कहीं आगे निकल जाएगा और भारत में जल्द ही बाजारों की प्रासंगिकता पर सवालिया निशान लग जायेगा”- यह कहना है कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल का। उपभोक्ताओं के खरीदी व्यवहार को ध्यान में रखते हुए कैट ने केंद्र सरकार से विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों, बड़े ब्रांडों द्वारा ई कॉमर्स व्यापार के द्वारा एक्सक्लूसिव सेल और ऑनलाइन पोर्टलों से खरीद पर कैश बैक देने वाले बैंकों के काले गठजोड़ को समाप्त करने की निरंतर मांग की है । श्री खंडेलवाल ने कहा की व्यापारियों द्वारा इस प्रकार का भेदभावपूर्ण व्यवहार अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।कैट ने “खुदरा व्यापार और ई-कॉमर्स की सफाई अभियान” शुरू करने का भी फैसला किया है, जिसकी रणनीति 16 नवंबर को कैट द्वारा बुलाई गई एक ऑनलाइन सम्मेलन में सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं द्वारा तय की जाएगी !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भारतिया ने कहा कि दिवाली के बिक्री आंकड़ों से उपजे व्यापारिक उत्साह को देश के व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं के बीच जारी रहना जरूरी है और इसके लिए एक मजबूत और विकास उन्मुख खुदरा व्यापार का जारी रखना चाहिए, जिसने पिछले दो सालो में अपने सबसे खराब दिनों को देखा है। कैट ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” फ्लैगशिप कार्यक्रम के तहत खुदरा व्यापार के मौजूदा प्रारूप को अपग्रेड, आधुनिकीकरण और कम्प्यूटरीकृत करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला किया है और जल्द ही केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों के साथ कैट के प्रमुख व्यापारी नेता बातचीत कर सरकारों से व्यापारी समर्थित नीतियों को लागू करने की मांग करेंगे
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि इस दिवाली त्योहार के दौरान, एफएमसीजी, उपभोक्ता वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, खाद्यान्न, खिलौने, उपहार आइटम्स ,रसोई का सामान और रसोई के उपकरण, जूते, ऑप्टिकल आइटम, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान आदि में बड़े ब्रांडों ने राज्य में डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर के स्तर पर लगभग 15 से 20 % की व्यापारिक बढ़त दर्ज की जबकि राज्य स्तरीय हज़ारों लोकल ब्रांड जिनके उत्पादों का उपयोग देश के सभी राज्यों के लोग करते हैं के व्यापार में 40 से 45 % वृद्धि हुई है एवं जिसके जरिये से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और लोकल पर वोकल अभियान को बेहद बल मिला है ।भारत मे केवल कुछ सौ बड़े ब्रांड है लेकिन 25 हजार से अधिक स्थानीय ब्रांड खुदरा व्यापार के विभिन्न कार्य क्षेत्रों में लंबे समय से अपनी व्यावसायिक गतिविधियों चला रहे हैं और उनका डीलर और रिटेलर नेटवर्क, ब्रांडेड उत्पादों की तुलना में बहुत बड़ा है और इसलिए उनका कारोबार इस तथ्य को रेखांकित करता है कि स्थानीय ब्रांडों का देश में उपभोक्ता व्यय पर लगभग 60% हिस्सा है।इस तथ्य को देखते हुए सरकार को अपनी नीति में वांछित परिवर्तन लाना होगा और खुदरा व्यापार के लिए नई और प्रोत्साहन आधारित समर्थन नीतियां तैयार करनी होंगी।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों और स्थानीय छोटे उद्यमियों द्वारा बनाई या उत्पादित वस्तुओं की भारी मांग बनी हुई है और इसलिए उन्हें खुदरा व्यापार की मुख्य पंक्ति में लाने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है। इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण क्षेत्र ने एक अनुमान के अनुसार अपने व्यवसाय में इस दिवाली के त्योहारी सीजन में 70% की भारी वृद्धि दर्ज की है।देश में ग्राम एवं कुटीर उद्योग की अवधारणा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण सेक्टर जैसे कि बर्तन, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, मशीनरी और खुदरा व्यापार के कुछ अन्य क्षेत्र अच्छा व्यापार नहीं कर सके जबकि पिछले साल की तुलना में उन उत्पादों के कीमतों में काफी वृद्धि हुई ! ऐसे सभी क्षेत्रों की पहचान करके भविष्य में उनके लिए भी व्यापार की बेहतर संभावनाएं तलाश करने की जरूरत है ! समावेशी विकास भारत के घरेलू खुदरा व्यापार को सुगठित एवं संरचित तरीके से चलाने के लिए महत्वपूर्ण होगा
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि इस दिवाली पर ऑफ़लाइन व्यापार के जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए कैट का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेगा और उनसे खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने और विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के अत्यधिक भेदभाव करने की पद्धति को समाप्त करने का आग्रह करेगा वहीं ई कॉमर्स व्यापार के नियम, ई कॉमर्स पालिसी और एफडीआई नीति, 2018 के प्रेस नोट नंबर 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट तथा रिटेल व्यापार नीति को तुरंत लागू करने की भी मांग करेगा !