भारतीय मजदूर संघ और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स से सम्बंध दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स ऑर्गनाइजेशन केन्द्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के फैसले के विरोध में आज दिल्ली में एक प्रदर्शन का आयोजन किया ।
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार के पब्लिक सेक्टर को निजी हाथों में सौंपने के फैसले के विरोध में आज पूरे देश में आंदोलन का फैसला किया था।
वित्त मंत्री द्वारा आर्थिक पैकेज की घोषणा के समय पब्लिक सैक्टर में 3 से 4 यूनिट्स को छोड़कर बाकी इंटरपरआईजेस को निजी हाथों में सौंपने की बात की थी। उसके बाद नीति आयोग ने सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को निजी हाथों में सौंपने की सिफारिश की है। सरकार पहले ही 10 बैंकों का विलय कर चुकी है और अब बाकी बचे 6 बैंको को निजी क्षेत्र को देना चाहती है।
NOBW सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करता है। इसलिये NOBW ने देश भर में भारतीय मजदूर संघ के आह्ववाहन पर प्रदर्शन किए हैं।
देश के आर्थिक विकास में पब्लिक सेक्टर बैंकों की एक बड़ी भूमिका है। निजीकरण के बाद वह संभव नहीं होगी। निजी क्षेत्र के बैंकों का अनुभव भी कुछ अच्छा नहीं है। ग्लोबल ट्रस्ट बैंक और यस बैंक का उदाहरण हमारे सामने है।
चाहे सरकार की कोई भी योजना हो सरकारी बैंकों ने जो भूमिका निभाई है वैसी निजी क्षेत्र से संभव नहीं है।
सरकारी बैंक जहां सोशल बैंकिंग कर रहे हैं वहीं प्राइवेट बैंक एक वर्ग विशेष की सेवा में लगे हैं।
इसलिए हमारा सरकार से आग्रह है की वह सरकारी बैंकों को निजी हाथों में न सोंपे।
यदि फिर भी सरकार निजीकरण की और बढ़ेगी तो बैंक यूनियंस मिलकर इसके विरोध में बड़ा आंदोलन करेंगे।