मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है. इस बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.
मोदी सरकार के नए कार्यकाल का पहला आम बजट पेश होने में अब चंद दिन बचे हैं. इस बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिडिल क्लास टैक्स के मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रहा है.
दरअसल, बीते फरवरी महीने के अंतरिम बजट में तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने नई सरकार में टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव के संकेत दिए थे. इसी आधार पर कहा जा रहा है कि नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बेसिक आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर सकती हैं. हालांकि यह इतना आसान नहीं लग रहा है.
क्या है वजह
न्यूज एजेंसी आईएएनएस सूत्रों की मानें तो बेसिक आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने से अनेक लोगों को आयकर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी जिससे आयकर दाखिले में कमी आएगी और टैक्स बेस बढ़ाने का मकसद विफल हो जाएगा. विशेषज्ञों ने भी बजट-पूर्व बैठक में वित्तमंत्री को सुझाव दिया है कि बेसिक आयकर छूट की सीमा में इजाफा करना सही कदम नहीं होगा क्योंकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का मुख्य फोकस देश में टैक्सपेयर्स का आधार बढ़ाना है.
इसके अलावा टैक्स कलेक्शन अपेक्षा से कम रहा है, लिहाजा इस कारण भी छूट की सीमा बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है. साथ ही, मंत्रालय टैक्स से रेवेन्यू बढ़ाना भी चाहता है, क्योंकि विकास दर और उपभोग में वृद्धि के लिए निवेश की जरूरत है.
अंतरिम बजट में दिए थे संकेत
1 फरवरी को मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मिडिल क्लास को तोहफा देते हुए 5 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स के झंझट से मुक्त कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने नई सरकार में टैक्स स्लैब में बदलाव के भी संकेत दिए थे.