शिक्षक ज्यादा ज्यादा सम्मानित है या राजन ेता (CM /PM ) ??

By CA राजेश्वर पैन्युली

भूटान में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवायें निशुल्क है। शिक्षकों के वेतन नौकरशाहों से अधिक है। शिक्षकों के सामने, भूटान के राजा सिंहासन पर कभी नहीं बैठता, बल्कि वह एक सामान्य कुर्सी पर बैठता है। लेकिन वह शिक्षकों को उच्च कुर्सी प्रदान करता है। शाही कार्यों में,हमेशा शिक्षकों के लिए आरक्षित कुछ सीटें होती हैं। शिक्षकों के प्रति अत्यधिक सम्मान प्रदर्शित करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेहतर शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित करना है।
भूटान की शिक्षा प्रणाली दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है।अब उत्तराखंड मे देखें कि सरकारी बाबू तो अपनी शिक्षा और प्रतियोगिता के बल पर नौकरी पाता है, इसलिए वो सामान्य तया वो अपनी वर्दी (पुलिस) या पद की धौन्स में रहता है l हालांकि उसे भी यह नौकरी जनता की सेवा के लिये मिलती है l
पर ये हमारे CM /PM किस बात के गुमान मे आ गये हैं ?? इनको चुना ही जनसेवा के लिए गया है lऔर अगर जनता इनको बुरा भला कह भी दे रही है तो क्यों वो अपना आपा खो रहे हैं ?? ये चुने ही इसलिए जाते है कि जनता की सुने lऔर जिस ढगं की घटना कल उत्तराखण्ड CM के जनता दरबार मे हुई है वो बहुत ही अशोभनीय है l शिक्षक का मान सम्मान तो सारी दुनिया में होता है फ़िर ?? वो जनता दरबार मे आई थी और जनप्रतिनिधि से बोल रही थी, जिसे उन्ही लोगों ने चुना है कोई DM / SP ऑफ़िसर से अधिकारिक प्रोटोकोल मे थोड़े थी कि आप उन महिला शिक्षक सेउम्मीद करें कि प्रोटोकाल का ध्यान रखा जाये ..lये
" चोर की दाडी मे तिनका वाली बात है"
अभी-अभी बने सांसद (राज्य सभा )की पत्नी को तो दिल्ली ले आया गया है और CM साहब खुद संदेह के दायरे मे हैं l
जनता दरबार को कोई आधिकारिक Meeting नहीं होती है l
ये बहुत ही निन्दनीय कृत्य है CM साहब का कि समस्या सुधारने की जगह जेल भेज रहे हैं..l शिक्षक को जिसका स्थान समाज मे CM से बडा होता है l
CM साहब को अपने इस कृत्य के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए और CM साहब को शिक्षक को अपने ही ऑफ़िस मे अपनी खुद की शिक्षा दुरुस्त करने के लिये नियुक्त किया जाना चाहिए जिससे की जनता मे एक अच्छा सन्देश जाए.. l
CM साहब का जब ये अंदाज है तो ऑफ़िसर लोगों के क्या रवइया होगा होगा जनता के साथ.. . वो दिख ही रहा है , की कैसे SDM साहब शराब की दुकान खुलवा रहे हैं पुलिस ऑफ़िसर चालान काट कर उगाही करने को और यात्रियों से मार पीट को ही अपनी ड्यूटी समझ रहे हैं..l सभी राजनैतिक दल एक साथ आगे आएं और शिक्षक के मान सम्मान की रक्षा मे एक जुट हों …l
सभी से निवेदन है की दल गत राजनीति से ऊपर उठें और अपने द्वारा चुने CM आदि को ये दिखा दें की वो जनता के सेवक हैं ना की कोई अधिकारी है…..l

भारत को परमाणु बम से लैस शक्तिशाली नेताओं की आवश्यकता नहीं है, लेकिन बुद्धिमान नेताओं की जरूरत है, जिन्होंने लोगों के जीवन में सुधार करने के प्रयास कर सके l
धन्यवाद|