कामसूत्र और खजुराहो के मंदिरों का क्या है रिश्ता?

खजुराहो मध्य प्रदेश प्रांत में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्वविख्यात है. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था. यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिंदू और जैन मंदिर हैं. www.traveljunoon.com ने भारत के इस पुरातन इतिहास पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. कामसूत्र में वर्णित अष्टमैथुन का सजीव चित्रण खजुराहो के सभी मंदिरों की दीवारों पर जीवंत दिखाई देता है. 22 मंदिरों में से एक कंदारिया महादेव का मंदिर काम शिक्षा के लिए मशहूर है. संभवतः कंदरा के समान प्रतीत होते इसके प्रवेश द्वार के कारण इसका नाम कंदारिया महादेव पड़ा होगा

मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में शानदार मुड़े हुए पत्थरों के मंदिरों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है. भारत के अलावा दुनिया भर के आगंतुक और पर्यटक प्रेम के इस अप्रतिम सौंदर्य के प्रतीक को देखने के लिए निरंतर आते रहते हैं. हिंदू कला और संस्कृति को शिल्पियों ने इस शहर के पत्थरों पर मध्यकाल में उत्कीर्ण किया था. संभोग की विभिन्न कलाओं को इन मंदिरों में बेहद खूबसूरती के उभारा गया है. सेक्स न तो रहस्यपूर्ण है और न ही पशुवृत्ति और न ही ये अस्वीकार्य कार्य है. यह न तो पाप है और न ही पुण्य से संबंधित, जैसा माना जाता रहा है. यह एक सामान्य कृत्य है लेकिन प्रतिबंध होने के कारण यह समाज के केंद्र में आ गया है. पशुओं में सेक्स प्रवृत्ति सहज और सामान्य होती है जबकि मानव ने इसे सिर पर चढ़ा रखा है. कामसुख एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है, लेकिन मनुष्य ने उसे अस्वाभाविक बना दिया है.