BHAGAT SINGH, RAJGURU AND SUKHDEV HANGING – HISTORICALFACTS

वैलेंटाइन डे मनाओ य मत मनाओ लेकिन गलत इतिहास मत बताओ।इतिहास की तिथियां अक्षुण्य होती हैं बदलती नहीं।सोचो अगर आपके फर्जी ज्ञान को पढ़ कर कल किसी प्रतियोगिता परीक्षा में कोई युवा भगत सिंह जी को फांसी सुनाने की तिथि 14 फरवरी लिख आया तो उसका उत्तर गलत हो जायेगा।अपील निरस्त करने की तिथि पूछी जाये और वह 14 फरवरी लिख दे तो यह उत्तर भी गलत होगा।आज सोशल मीडिया पर लाखों लोग फोटो सहित इन गलत जानकारियों को देख पढ़ रहे हैं जो इतिहास के पन्नो के साथ घोर अन्याय तो है ही।हमारे शहीदों का भी अपमान है।अमर शहीद भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के केस से सम्बंधित तिथिवार जानकारी दे रहा हूँ।जो इस प्रकार है।

सर्व श्री भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव जी को सांडर्स हत्या कांड में
7 मई 1929 को मुकद्दमा शुरू हुआ
6 जून 1929 को भगत सिंह जी ने अपने विचार जज के सामने रखते हुए क्रान्ति और आजादी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
26 मई 1930 को उन्हें अंग्रेजो ने दोषी करार दिया
7 अक्टूबर 1930 को उन तीनों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई
नवम्बर 1930 को प्रिवी परिषद में अपील की गई
10 जनवरी 1931 को अपील खारिज की गई
24 मार्च 1931 को फांसी दी जाना थी लेकिन जन आक्रोश को देखते हुए एक दिन पूर्व
23 मार्च को फांसी दे कर उन तीनों की हत्या कर दी गई।

अब 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर अपना फर्जी ज्ञान मत बांटना प्लीज़।नई पीढ़ी वैसे भी इतिहास से परिचित नहीं है आपके सद्प्रयास उसे और भ्रमित ही करेंगे।