टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (14 दिसंबर 2023): संसद के शीतकालीन सत्र का आज गुरूवार को नौवां दिन है। शीतकालीन सत्र के नौवें दिन संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इस घटना को लेकर विपक्षी सांसद राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। साथ ही विपक्षी सांसदों ने इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दोनों सदनों में बयान की मांग की है। तो वहीं इस मामले में सदन में हंगामा करने की वजह से कुल मिलाकर 15 सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। 15 सांसदों को सदन से निलंबित किए जाने पर कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि “कल जो हुआ वह एक बड़ी सुरक्षा और ख़ुफ़िया विफलता थी। हम चाहते हैं कि सरकार सदन को आकर बताए कि कल क्या हुआ और वे क्या कदम उठा रहे हैं। सरकार न आने पर अड़ी है, या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को बयान देना चाहिए। सिर्फ इसलिए कि हमने मांग की और विरोध किया, हमारी आवाज को दबाने के लिए, लगभग 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। हम चाहते हैं कि या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री सदन में आएं और कल हुई घटना और भविष्य के लिए वे क्या सुधारात्मक कदम उठाने जा रहे हैं, इस पर स्पष्ट बयान दें।”
JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन(ललन) सिंह ने कहा कि “सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए विपक्ष में भय पैदा करना चाहती है, भय पैदा करने से शासन नहीं होता है। विपक्षी सांसद मांग कर रहे हैं कि कल हुई सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री बयान दें तो इसमें गलत क्या है? गृह मंत्री को आकर बयान देना चाहिए, वे देश के गृह मंत्री हैं, सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी हैं।”
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “कम से कम गृह मंत्री सदन में आएं और हमें(विपक्ष) 2-4 सवाल पूछने का मौका दें। रोज़ाना हम सदन में भाग लेते हैं और हमारी बात रखते हैं। एक भी दिन हमने सदन की कार्यवाही में बाधा नहीं डाली। सदन भाजपा का पार्टी ऑफिस नहीं है। सदन हम सबका है। ये लोग(भाजपा) जो चाहें वो कर रहे हैं। क्या हमें कोई मांग रखने का अधिकार नहीं है? जब हम मांग करते हैं तो हमें माइक नहीं दिया जाता है।”
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया क्योकि उन्होंने इस मुद्दे(संसद सुरक्षा चूक) को संसद में उठाया। 14 सांसदों को भी इसी मांग पर लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है। हम(विपक्ष) मांग कर रहे हैं कि देश के गृह मंत्री सुरक्षा में हुई चूक पर जवाब दें। जो संसद के अंदर इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपनी छाती ठोकते हैं आज वही गृह मंत्री अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं।”