ब्रज का पेड़ा हो या ब्रज की धूल, घर बैठे रंग जाइए कान्हा के रंग में : डॉ. अशोक बंसल, लेखक एवं संपादक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (25 अगस्त 2023): 24 अगस्त 2023, गुरुवार को मथुरा, वृंदावन की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक महत्ता एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित ए कॉफी टेबल बुक ‘चल मन वृंदावन’ का विमोचन न्यू महाराष्ट्र भवन नई दिल्ली में हुआ।

इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किताब से जुड़ी सभी हस्तियों को एक अनोखा कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए सराहा। वहीं पुस्तक की मुख्य संपादक और मथुरा की लोकसभा सांसद हेमा मालिनी; पुस्तक के संपादक, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक डॉ अशोक बंसल; और पुस्तक के प्रकाशक BIMTECH फाउंडेशन के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी की जमकर एवं तहेदिल से तारीफ़ की और सहयोग एवं योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया।

इस पुस्तक में वृंदावन के ऐतिहासिक तथ्यों, धरोहरों, सांस्कृतिक विरासतों, धार्मिक चेतना एवं पवित्र परंपरा का वर्णन है।

ज्ञात हो कि वृंदावन भारत के प्राचीनतम धर्मनगरी एवं तीर्थस्थलों में से एक है। यह आराध्य प्रभु श्री कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत गीता, विष्णु पुराण आदि ग्रंथों में वृंदावन की महिमा का उल्लेख है।

इस ख़ास मौके पर ‘चल मन वृन्दावन’ के संपादक, डॉ अशोक बंसल ने अपने संबोधन में बताया कि “आज इस सभागार में एक ऐसी पुस्तक का विमोचन होने जा रहा है जिसे लेकर समस्त बृजवासी उत्साहित है।
इस कॉफी टेबल बुक का नाम है ‘चल मन वृंदावन’।”

साथ ही कहा कि, “कोविड महामारी के दौरान मेरी एक मुलाकात सांसद हेमा जी से उनके वृंदावन आवास पर हुई थी । तो मैंने कहा था गोवर्धन में परासोली स्थल पर महाकवि सूरदास की समाधि है जो उपेक्षित है । सूरदास की समाधि पर कोई नहीं जाता, कोई याद नहीं करता । हेमा जी ने मेरी इस बात को गंभीरता से लिया और कोविड के दौरान ही वहां जा कर यह निर्णय लिया की सूरदास की समाधि का ही नहीं बल्कि पूरे ब्रज तमाम हेरिटेज स्थलाें का दुनिया में प्रचार प्रसार किया जायेगा।”

इस किताब में संपूर्ण ब्रज को 50 लेखों में समेटा गया है। इस पुस्तक में कला है, इतिहास है, दर्शन है, साहित्य है, धर्म है, अनेक लेख ऐसे हैं जिन्हे हेमा जी ना बताती तो अनेक महत्त्वपूर्ण विषय हमसे छूट जाते। अनेक रोचक प्रसंग को इस पुस्तक में स्थान दिया गया है जो शिक्षक को और छात्रों को नवीन जानकारी देने में मदद करेगी। पुस्तक शोधार्थियों के काम आ सकती है। जैसे महात्मा बुद्ध और महावीर की मुलाकात मथुरा में हुई थी। महाकवि सूरदास और गोस्वामी तुलसीदास की मुलाकात परासौली में हुई थी। इन लेखों ने और हेमा जी के सूक्ष्म दृष्टि ने इस पुस्तक में चार चांद लगा दिए। पुस्तक में एक रोचक लेख है, जो मथुरा का पेड़ा , यह पेड़ा ब्रज में प्रसाद का रूप ग्रहण कर चुका है । पुस्तक ब्रज के टूरिज्म को निश्चित रूप से प्रोत्साहित करेगी ।

साथ ही हेमा मालिनी ने बताया कि वो ‘चल मन वृन्दावन’ किताब की मुख्य संपादक हैं, जोकि मथुरा-वृंदावन के मंदिरों और इमारतों की शानदार फोटो का क्लेक्शन है। हेमा मालिनी को उम्मीद और विश्वास है कि यह किताब इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी।।