दिल्ली सरकार के अधिकारी पर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप, बीजेपी ने मंत्री कैलाश गहलोत का मांगा इस्तीफा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (21/08/2023): दिल्ली भाजपा सचिव बांसुरी स्वराज ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रेम उदय खाका पर लगे नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप पर दुख व्यक्त किया है। जो पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत के ओएसडी के रूप मे काम करते थे। बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा इस घटना की कड़ी निंदा करती है, जो एक तरफ समाज में सामाजिक मूल्यों की गिरावट को दर्शाता है, वहीं दूसरी तरफ यह दर्शाता है कि कैसे शक्तिशाली लोग अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ऐसी वीभत्स घटनाओं को अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर इस मामले में आरोपी उपनिदेशक खाका को मंत्री कैलाश गहलोत से ताकत मिली है और उन्हें भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।

बांसुरी स्वराज ने उपनिदेशक प्रेम उदय खाका को मंत्री कैलाश गहलोत का ओएसडी नियुक्त करने का दस्तावेज दिखाया, जिसमें हस्ताक्षरकर्ता अधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि मंत्री की इच्छा है कि खाका को उनका ओएसडी नियुक्त किया जाये। उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नाबालिग लड़की के शोषण की वर्तमान घटना का आरोपी मंत्री कैलाश गहलोत का करीबी था और उसने मंत्री के ओएसडी के रूप में काम करते हुए अपराध किया था। बांसुरी स्वराज ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पर अनावश्यक ट्वीट करने और नाटकीय धरने पर बैठकर मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। और स्वाति मालीवाल की निंदा की। उन्होंने कहा कि डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष होने के नाते मालीवाल को संवेदनशीलता से काम करना चाहिए और दिल्ली पुलिस को उचित कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति देनी चाहिए।

स्वराज ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 13 अगस्त को इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की और संबंधित विभाग को सूचित किया जहां आरोपी उपनिदेशक खाका कार्यरत थे, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार ने खाखा को निलंबित करने का आदेश देने में सात दिन लगा दिए। यदि यह मान लिया जाए कि मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ओएसडी के रूप में चुने गए खाका को आज तक मंत्री द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तो गलत नहीं होगा। डी.सी.डब्ल्यू. अध्यक्ष मालीवाल को दिल्ली सरकार से पूछना चाहिए कि उप निदेशक खाका को निलंबित करने का आदेश देने में सात दिन क्यों लग गए।।