नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गोरखपुर के एक अस्तपाल में पिछले पांच दिनों में 60 से अधिक बच्चों की मौतों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और स्वास्थ्य सचिव सी. के. मिश्रा से गोरखपुर जाने और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में खामियों का पता लगाने के लिए कहा गया है, जहां बच्चे भर्ती थे.
इस बीच, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बी.आर.डी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रमुख को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है. स्वास्थ्य सचिव मिश्रा गोरखपुर पहुंच गए हैं, जबकि अनुप्रिया जल्द ही वहां पहुंचने वाली हैं. अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल को बीआरडी के चिकित्सकों की मदद के लिए भेजने की योजना बनाई है.
गौरतलब है कि अस्पताल में पिछले करीब पांच दिनों में 63 बच्चों की मौत एंसेफेलाइटिस और कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण हो गई. इनमें से 30 मौतें 48 घंटे के भीतर हुईं.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज को उप्र सरकार द्वारा एंसेफेलाइटिस से निपटने के लिए अनुदान के रूप में काफी बड़ी राशि दी जा रही थी. हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि बड़ी मात्रा में सरकारी अनुदान मिलने के बावजूद यहां न तो चिकित्सक हैं और न ही उपचार की उचित व्यवस्था, उचित दवाइयां या ऑक्सीजन की आपूर्ति रही.
इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी ने अपनी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को इस हिदायत के साथ गोरखपुर भेजा कि ‘त्रासदी के लिए जिम्मेदार किसी को भी छोड़ा न जाए’. इस मामले में विपक्ष की कड़ी आलोचना झेल रहे योगी के कार्यालय ने शनिवार दोपहर स्वास्थ्य मंत्री सिंह के हवाले से ट्वीट कर बताया कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.