टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (10/12/2022): राष्ट्रीय बाल अधिकार संक्षरण आयोग (NCPCR) ने सभी राज्यों और केंन्द्र शासित प्रदेशों को गैर मुस्लिम बच्चों को दाखिला देने वाले मदरसों की जांच करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुख्य सचिवों को सभी मान्यता प्राप्त मदरसे, गैर मान्यता प्राप्त मदरसे और अनमैप्ड मदरसे की मैपिंग करने का निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने औपचारिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए सभी बच्चों का दाखिला तत्काल प्रभाव से विद्यालय में कराने के लिए कहा है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को को इस संबंध में पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि “गैर मुस्लिम समुदाय के बच्चे सरकार द्वारा वित्तपोषित और मान्यता प्राप्त मदरसों में शामिल हो रहे हैं। आयोग को यह भी पता चला है कि ऐसे बच्चों को कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वजीफा भी प्रदान कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 28(3) के विरुद्ध होने के साथ इसका उल्लंघन है, जो शिक्षण संस्थाओं को बिना माता-पिता के अनुमति के किसी धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए बच्चों को बाध्य करने से प्रतिबंधित करता है।”
आयोग ने आगे कहा कि “संस्थान के रूप में मदरसे मुख्य रूप से बच्चों को धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। आयोग ने कहा कि पता चला है कि जो मदरसे सरकार द्वारा वित्तपोषित हैं या मान्यता प्राप्त हैं, वे बच्चों को धार्मिक और कुछ हद तक औपचारिक शिक्षा, यानी दोनों तरह की शिक्षा दे रहे हैं। आयोग अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सिफारिश करता है कि आपके राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले सरकार द्वारा वित्तपोषित और मान्यता प्राप्त सभी मदरसों की विस्तृत जांच कराई जाए।”
साथ ही, आयोग ने औपचारिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए सभी बच्चों का दाखिला तत्काल प्रभाव से विद्यालय में कराने के लिए कहा है।।