टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (30/07/2022): दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति को रोकने का फैसला किया है। और सरकारी शराब की दुकानें खोलने का आदेश दिया है। उन्होंने आज शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है, कि गुजरात में नकली शराब से मौत का ये पहला मामला नहीं है। ये लोग कहते हैं कि हमने गुजरात में शराब बंद कर रखी है। लेकिन हर 2-3 साल में ऐसे मामले आते हैं। जब पड़ताल होती है, तो पता चलता है कि इन्हीं के लोग वहां शराब बेचने और बनाने में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले साल एक नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई। उन्होंने कहा कि एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू होने से पहले दिल्ली में ज्यादातर सरकारी दुकानें थी और सरकारी दुकानों के जरिए शराब बिकता था और खूब भ्रष्टाचार होता था। उन्होंने कहा कि ब्रांड पुशिंग से लेकर और कई तरह की खबरें आती थी। मैंने खुद रेड कर-करके भ्रष्टाचार पकड़ा था। उन्होंने कहा कि हमने उस पॉलिसी को बंद करके नई पॉलिसी बनाई। दिल्ली में पहले कुछ दुकानें प्राइवेट भी होती थी और जो प्राइवेट दुकानें होती थी वो इन्होंने अपने यारों, दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर लाइसेंस दे रखे थे, और उनसे बहुत कम लाइसेंस फीस लेते थे। कई सालों से इन्होंने लाइसेंस फीस नहीं बनाई थी तो ये सिस्टम खत्म करके मैंने नई पॉलिसी बनाई।
उन्होंने कहा कि बहुत पारदर्शी तरीके से हमने यहां शराब की दुकानों की नीलामी की। उन्होंने कहा कि पहले की शराब नीति के तहत दिल्ली में 850 शराब की दुकानें होती थी और नई पॉलिसी में हमने तय किया कि जितनी दुकान होती थी उतनी ही दुकानें रहेगी और एक भी दुकान फालतू नहीं खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले की शराब पॉलिसी से इन दुकानों से सरकार को करीब 6000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू होता था। जब पारदर्शी तरीके से इन दुकानों की नीलामी हुई तो दुकाने नहीं बढ़ी लेकिन पूरे साल में 850 दुकानों से 9500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हुआ।
उन्होंने कहा कि इस तरह नई शराब पॉलिसी के तहत सरकार की आय डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ जाता है और करप्शन खत्म हो जाता है। लेकिन नई शराब पॉलिसी के आने से इन लोगों ने जो भ्रष्टाचार मचा रखा था वो रुक गया। वो खत्म हो गया तो इन लोगों ने पूरा प्लान बनाया कि इस नई पॉलिसी को फेल किया जाए। उन्होंने कहा कि एक-एक करके इन्होंने जितने प्राइवेट दुकान वाले आए थे उनको ईडी और सीबीआई की धमकी दी तो प्राइवेट दुकान चलाने वालों को जो सरकार को ज्यादा रेवेन्यू दे रहे थे क्योंकि सरकार ने ट्रांसपेरेंट तरीके से उनको दुकानें दी थी। ओपन ऑप्शन करके तो उनको इन्होंने ईडी और सीबीआई से धमकाया तो बहुत सारे शराब की दुकान वाले दुकान छोड़ कर चले गए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में नई शराब पॉलिसी में भी जो 850 दुकानें हों सकता था आज दिल्ली में कुल 468 दुकानें चल रही है। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त से और कई दुकानें बंद होने वाला क्योंकि ये ईडी और सीबीआई से धमका रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इनका मकसद है कि दिल्ली में शराब की किल्लत पैदा करो। इनका मकसद है कि दिल्ली में लीगल तरीके से बिकने वाली शराब का क्वांटम कम करते चले जाओ। उन्होंने कहा कि ये ईडी और सीबीआई की धमकी देकर चाहते हैं कि लीगल शराब का धंधा यहां भी बंद हो और इलीगल धंधे को बढ़ावा मिले, नॉन ड्यूटी पैड धंधे को बढ़ावा मिले स्पिरिट लिकर को बढ़ावा मिले, ये उनका पुराना धंधा था और वो वापस उस धंधा को लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने दुकान वालों को और अफसरों को डराकर दिल्ली में ऐसे हालात बनाने की कोशिश की है कि जिससे एक अगस्त से एक्साइज ड्यूटी देने वाली दुकानें कम से कम होती चली जाए और इनका अवैध शराब का धंधा फिर से फलने फूलने लगे क्योंकि 1 अगस्त के बाद अगर सरकार निर्णय नहीं लेगी तो यहां पर कोई पॉलिसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि फिलहाल जो नई पॉलिसी है, उसको बंद करके सरकारी दुकान खोलने के आदेश दिए हैं।