इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में देना पड़ा जबाब!, पर्यावरण संरक्षण पर हुई व्यापक चर्चा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (19 अप्रैल 2022): पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को ध्यान में रखकर नई दिल्ली के डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में “विवेकानंद सस्टेनेबलिटी समिट-2022 का हुआ आयोजन, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सड़क,परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, स्वामी चिदानंद सरस्वती, इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के. राधाकृष्णन, जेएनयू की कुलपति प्रो.शांतिश्री धुलीपुडी पंडित, इंडोरमा से अर्जुन अग्रवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति रहे मंचासीन।

कार्यक्रम को मंच पर मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्रारम्भ किया गया।जिसके बाद पर्यावरण के संरक्षण, प्रदूषण में कमी व अन्य मुद्दों पर सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखें।

इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में देना पड़ा जबाब

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंच से सभी अतिथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब हम धीरे धीरे ऊर्जा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं उन्होंने कहा कि आज लोगों के मन में हाइड्रोजन गाड़ी को लेकर कई प्रकार की उहापोह की स्थिति बनी हुई है, लेकिन धीरे धीरे लोग इसबात को समझ जाएंगे कि यह कितना सस्ता है।उन्होंने एक वाकिए को याद करते हुए कहा कि जब हम इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को लेकर बाजार में आए थे तो इसी प्रकार लोगों के मन में कई प्रश्न थे, पत्रकार कई प्रकार के प्रश्न पूछते थे लेकिन आज वह कितना सफल है और सबसे बड़ी बात यह है कि बाजार में मानव चालित रिक्सा पूर्ण रूप से बन्द हो गया है, यह मानवता के दृष्टिकोण से बहुत बड़ा काम हुआ है।
आगे उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एकबार सुप्रीम कोर्ट में भी मुझे बुलाया गया कि इसमें अलग अलग कम्पनियों के सामान लगे हुए हैं इसकी गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है हमने वँहा भी कहा कि यह गरीबों के लिए है गरीबों के हित में है अगर हम गुणवत्ता देखेंगे तो यह आम लोगों के पंहुच से बाहर हो जाएगा। उन्होंने भारत में मौजूद संसाधन के प्रयोग एवं उसको केंद्र में रखकर शोध करने पर जोर दिया।

एक संस्कारी सरकार ही हमारे युवाओं को संस्कार दे सकती है

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मंच से ओम ध्वनि एवं संस्कृत के श्लोक के साथ अपने व्यक्तव्यों को प्रारम्भ किया, उन्होंने कहा कि एक सस्टेनेबल कंट्री ही स्टेबल कंट्री, स्ट्रांग कन्ट्री और पीसफुल कंट्री बन सकती है।उन्होंने विवेकानंद जी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा था कि सोच को बदलें यह काफी महत्वपूर्ण है।

आगे उन्होंने कहा कि जबतक हम अपने सोच को नहीं है बदलेंगे अपने जीवनशैली(लाइफस्टाइल ) को नहीं बदलेंगेतबतक केवल बातें ही रह जाएगी।तो हमसब मिलकर अपने सोच को बदलते हैं और अपने देश को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि एक संस्कारी सरकार ही हमारे युवाओं को अच्छी संस्कार दे सकती है।

हमें अपने वैज्ञानिकों पर नहीं होता है भरोसा
मंच पर मौजूद टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड के सेक्रेटरी राजेश कुमार पाठक ने कई नए नए प्रोजेक्ट्स एवं प्रदूषणमुक्त भारत बनाने के दिशा में कार्यरत प्रोजेक्ट्स के विषय में मंत्री जी को बताया। हलाकि मंच से उन्होंने कहा कि किसी भी नई खोज को जबतक समाज स्वीकार नहीं करता तबतक उसका कोई व्यापक लाभ नहीं हो पाता।उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का वैक्सीन हमारे अपने देश में बना तो लोग उसके विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहें थे हम अपने वैज्ञानिकों के क्षमता उनके विद्वता पर भरोसा नहीं करते हैं।लेकिन यदि हमें आत्मनिर्भर बनना है तो हमें अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा करना होगा।

वंही मंच पर मौजूद सभी वक्ताओं ने पेट्रोल-डीजल से इतर ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर जोर दिया।सबों ने कहा कि हम विकसित और प्रदूषण मुक्त देश तभी हो पाएंगे जब हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों पर कार्य करेंगे।।