Text of PM’s speech at foundation stone laying ceremony of Noida International Airport at Jewar, Uttar Pradesh

Prime Minister’s Office

भारत माता की, भारत माता की

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय, कर्मयोगि मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, यहां के कर्मठ हमारे पुराने साथी उप-मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्या जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, जनरल वी के सिंह जी, संजीव बालियान जी, एस.पी.सिंह बघेल जी, बी.एल.वर्मा जी, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी, श्री जय प्रताप सिंह जी, श्रीकांत शर्मा जी, भूपेंद्र चौधरी जी, श्री नंदगोपाल गुप्ता जी, अनिल शर्मा जी, धर्म सिंह सैनी जी, अशोक कटारिया जी, श्री जी. एस. धर्मेश जी, संसद में मेरे साथी डॉक्टर महेश शर्मा जी, श्री सुरेंद्र सिंह नागर जी, श्री भोला सिंह जी, स्थानीय विधायक श्री धीरेंद्र सिंह जी, मंच पर विराजमान अन्य सभी जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में हम सबको आर्शीवाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों ।

आप सभी को, देश के लोगों को, उत्तर प्रदेश के हमारे कोटी कोटी भाइयों और बहनों को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के भूमिपूजन की बहुत-बहुत बधाई। आज, इस एयरपोर्ट के भूमिपूजन के साथ ही, दाऊ जी मेले के लिए प्रसिद्ध जेवर भी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित हो गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के करोड़ों करोड़ों लोगों को होगा। मैं इसके लिए आप सभी को, पूरे देश को बधाई देता हूं।

साथियों,

21वीं सदी का नया भारत, आज एक से बढ़कर एक बेहतरीन आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है। बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट, ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ही नहीं होते, बल्कि ये पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं। गरीब हो या मध्यम वर्ग, किसान हो या व्यापारी, मजदूर हो या उद्यमी, हर किसी को इसका बहुत बहुत लाभ मिलता है। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की ताकत और बढ़ जाती है जब उनके साथ सीमलेस कनेक्टिविटी हो, लास्ट माइल कनेक्टिविटी हो। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से भी एक बेहतरीन मॉडल बनेगा। यहाँ आने जाने के लिए टैक्सी से लेकर मेट्रो और रेल तक, हर तरह की connectivity होगी। एयरपोर्ट से निकलते ही आप सीधे यमुना एक्सप्रेसवे पर आ सकते हैं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तक जा सकते हैं। यूपी, दिल्ली, हरियाणा कहीं भी जाना है तो थोड़ी सी देर में पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पहुंच सकते हैं। और अब तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भी तैयार होने वाला है। उससे भी अनेक शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। यही नहीं, यहां से dedicated freight corridor के लिए, भी सीधी कनेक्टिविटी होगी। एक तरह से, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का logistic गेटवे बनेगा। ये इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा।

साथियों,

आज देश में जितनी तेजी से एविएशन सेक्टर में वृद्धि हो रही है, जिस तेजी से भारतीय कंपनियां सैकड़ों नए विमानों को खरीद रही हैं, उनके लिए भी नोएडा एंटरनेशनल एयरपोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका होगी। ये एयरपोर्ट, विमानों के रख-रखाव, रिपेयर और ऑपरेशन का भी देश का सबसे बड़ा सेंटर होगा। यहां 40 एकड़ में Maintenance, Repair and Overhaul – MRO सुविधा बनेंगी, जो देश विदेश के विमानों को सर्विस देगी और सैकड़ों युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराएगी। आप कल्पना कीजिए, आज भी हम अपने 85 प्रतिशत विमानों को MRO सेवाओं के लिए विदेश भेजते हैं। और इस काम के पीछे हर वर्ष 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं, 30 हजार करोड़ में ये प्रोजेक्ट बनने वाला है। सिर्फ रिपेयरिंग के लिए 15 हजार करोड़ बाहर जाता है। हजारो करोड़ रुपए खर्च होते हैं। जिसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों को जाता है। अब ये एयरपोर्ट इस स्थिति को भी बदलने में मदद करेगा।

भाइयों और बहनों,

इस एयरपोर्ट के माध्यम से पहली बार देश में integrated multi-modal cargo hub की, भी कल्पना साकार हो रही है। इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास को एक नई गति मिलेगी, एक नई उड़ान मिलेगी। हम सभी ये जानते हैं कि जिन राज्यों की सीमा समंदर से सटी होती है तो उनके लिए बंदरगाह, पोर्ट बहुत बड़े asset होते हैं। विकास के लिए उसकी एक बहुत बडी ताकत काम आती है। लेकिन यूपी जैसे land-locked राज्यों के लिए यही भूमिका एयरपोर्ट्स की होती है। यहां अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली जैसे अनेकों औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां सर्विस सेक्टर का बड़ा इकोसिस्टम भी है और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम हिस्सेदारी है। अब इन क्षेत्रों का सामर्थ्य भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। इसलिए ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट के एक बहुत बड़े केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से सीधे कनेक्ट करेगा। अब यहां के किसान साथी, विशेष रूप से छोटे किसान, फल-सब्ज़ी, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाली उपज को सीधे भी एक्सपोर्ट कर पाएंगे। हमारे जो खुर्जा क्षेत्र के कलाकार हैं, मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री है, सहारनपुर का फर्नीचर है, मुरादाबाद का पीतल उद्योग है, आगरा का फुटवीयर और पेठा है, पश्चिमी यूपी के अनेक MSMEs को भी विदेशी मार्केट तक पहुंचने में अब और आसानी होगी।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र में एयरपोर्ट के आने से परिवर्तन का एक ऐसा चक्र शुरू होता है, जो चारों दिशाओं को लाभ पहुंचाता है। हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोज़गार के हजारों अवसर बनते हैं। हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हज़ारों लोगों की आवश्यकता होती है। पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को ये एयरपोर्ट नए रोजगार भी देगा। राजधानी के पास होने से, पहले ऐसे क्षेत्रों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से नहीं जोड़ा जाता था। माना जाता था कि दिल्ली में तो एयरपोर्ट और दूसरी सुविधाएं हैं ही। हमने इस सोच को बदला। आज देखिए, हमने हिंडन एयरपोर्ट को यात्री सेवाओं के लिए चालू किया। इसी प्रकार हरियाणा के हिसार में भी एयरपोर्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है।

भाइयों और बहनों,

जब एयर कनेक्टिविटी बढ़ती है, तो टूरिज्म भी उतना ही ज्यादा फलता-फूलता है। हम सभी ने देखा है कि माता वैष्णो देवी की यात्रा हो या फिर केदारनाथ यात्रा, हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने के बाद वहां श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर बढोतरी हो रही है। पश्चिमी यूपी के प्रसिद्ध टूरिस्ट और आस्था से जुड़े बड़े केंद्रों के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी यही काम करने वाला है।

साथियों,

आज़ादी के 7 दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। यहां पश्चिमी यूपी में भी लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है। रैपिड रेल कॉरिडोर हो, एक्सप्रेसवे हो, मेट्रो कनेक्टिविटी हो, पूर्वी और पश्चिमी समंदर से यूपी को जोड़ने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हों, ये आधुनिक होते उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन रहे हैं। आज़ादी के इतने सालों तक तो उत्तर प्रदेश को ताने सुनने के लिए मजबूर कर दिया गया था। कभी गरीबी के ताने, कभी जात-पात की राजनीति के ताने, कभी हजारों करोड़ रुपयों के घोटालों के ताने, कभी खराब सड़कों के ताने, कभी उद्योगों के अभाव के ताने, कभी ठप्प पड़े विकास के ताने, कभी अपराधी-माफिया और राजनीति के गठजोड़ के ताने। यूपी के कोटि-कोटि सामर्थ्यवान लोगों का यही सवाल था कि क्या वाकई कभी यूपी की एक सकारात्‍मक छवि बन पाएगी की नहीं बन पाएगी।

भाइयों और बहनों,

पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा, पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को हमेशा झूठे सपने दिखाए, वही उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है। आज यूपी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल संस्थान बन रहे हैं। आज यूपी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान बन रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाईवे, एक्सप्रेसवे, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रेल कनेक्टिविटी, आज यूपी मल्टीनेशनल कंपनियों के निवेश का सेंटर है, ये सबकुछ आज हमारे यूपी में हो रहा है। इसलिए ही आज देश और दुनिया के निवेशक कहते हैं- उत्तर प्रदेश यानि उत्तम सुविधा, निरंतर निवेश । यूपी की इसी अंतर्राष्ट्रीय पहचान को यूपी की इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी नए आयाम दे रही है। आने वाले 2-3 सालों में जब ये एयरपोर्ट काम करना शुरु करेगा, तो यूपी 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा।

साथियों,

यूपी में और केंद्र में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका एक उदाहरण ये जेवर एयरपोर्ट भी है। 2 दशक पहले यूपी की भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट का सपना देखा था। लेकिन बाद में ये एयरपोर्ट अनेक सालों तक दिल्ली और लखनऊ में पहले जो सरकारें रहीं, उनकी खींचतान में उलझा रहा। यूपी में पहले जो सरकार थी उसने तो बाकायदा चिट्ठी लिखकर, तब की केंद्र सरकार को कह दिया था कि इस एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए। अब डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी एयरपोर्ट के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं।

वैसे साथियों,मैं आज एक बात और कहूंगा। मोदी-योगी भी अगर चाहते तो, 2017 में सरकार बनते ही यहां आकर के भूमि पूजन कर देते। फोटो खिंचवा देते, अखबार में प्रेस नोट भी छप जाती और अगर ऐसा हम करते तो पहले की सरकारों की आदत होने के कारण हम कुछ गलत कर रहे हैं ऐसा भी लोगों को नहीं लगता। पहले राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में रेवड़ियों की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं होती थीं। कागज़ों पर लकीरें खींच दी जाती थीं, लेकिन प्रोजेक्ट्स ज़मीन पर कैसे उतरेंगे, अड़चनों को दूर कैसे करेंगे, धन का प्रबंध कहां से करेंगे। इस पर विचार ही नहीं होता था। इस कारण से प्रोजेक्ट्स दशकों तक तैयार ही नहीं होते। घोषणा हो जाती थी। प्रोजेक्ट की लागत कई गुणा बढ़ जाती थी। फिर बहानेबाज़ी शुरु होती थी, देरी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने की कसरत होती थी। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है। भारत के उज्जवल भविष्य एक जिम्मेवारी है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रोजेक्ट्स अटके नहीं, लटके नहीं, प्रोजेक्ट्स भटके नहीं। हम ये सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि तय समय के भीतर ही इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा किया जाए। देरी होने पर हमने जुर्माने का भी प्रावधान किया है।

साथियों,

पहले किसानों की जमीनों को लेकर जिस तरह की गड़बड़ियां होती थीं, उस वो भी प्रोजेक्टस की देरी में बहुत बड़ा रोड़ा बन जाती थीं। यहीं आसपास, पहले की सरकारों के दौरान के अनेक ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जिनके लिए किसानों से ज़मीन तो ली गई, लेकिन उनमें या तो मुआवज़े से जुड़ी समस्याएं रहीं या फिर सालों-साल से वो ज़मीन बेकार पड़ी है। हमने किसान हित में, प्रोजेक्ट के हित में, देश के हित में, इन अड़चनों को भी दूर किया। हमने ये सुनिश्चित किया कि प्रशासन, किसानों से समय पर, पूरी पारदर्शिता के साथ, भूमि खरीदे। और तब जाकर 30 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना पर भूमिपूजन के लिए हम आगे बढ़े हैं।

साथियों,

आज हर सामान्य देशवासी के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। देश का आम नागरिक हवाई सफर कर सके, ये सपना भी आज उड़ान योजना ने सच कर दिखाया है। आज जब कोई साथी खुश होकर कहता है कि अपने घर के पास के हवाई अड्डे से उसने अपने माता पिता के साथ पहली बार हवाई यात्रा की है, जब वो अपनी फोटो को साझा करता है, तब मुझे लगता है कि हमारे प्रयास सफल हैं। मुझे खुशी है कि अकेले यूपी में ही बीते वर्षों में 8 एयरपोर्ट्स से फ्लाइट्स शुरु हो चुकी हैं, कई पर अभी भी काम चल रहा है।

भाइयों और बहनों,

हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने हमेशा अपने स्वार्थ को सर्वोपरि रखा है। इन लोगों की सोच रही है- अपना स्वार्थ, सिर्फ अपना खुद का परिवार का या जहां रहते हैं उस इलाके का उसी को वो विकास मानते थे। जबकि हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, यही हमारा मंत्र है। यूपी के लोग गवाह हैं, देश के लोग गवाह हैं, बीते कुछ हफ्तों में कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किस तरह की राजनीति हुई, लेकिन भारत विकास के रास्ते से नहीं हटा। कुछ समय पहले ही भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज से कठिन पड़ाव को पार किया है। इसी महीने की शुरुआत में भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य का ऐलान किया। कुछ समय पहले ही कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया। यूपी में ही एक साथ 9 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत करके देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। महोबा में नए डैम और सिंचाई परियाजनाओं का लोकार्पण हुआ तो झांसी में डिफेंस कॉरिडोर के काम ने गति पकड़ी, पिछले हफ्ते ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यूपी वासियों को समर्पित किया गया। उससे एक दिन पहले ही हमने जनजातीय गौरव दिवस मनाया, मध्य प्रदेश में एक बहुत ही भव्य और आधुनिक रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया गया। इसी महीने ही महाराष्ट्र के पंढरपुर में सैकड़ों किलोमीटर के नेशनल हाईवे का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। और अब आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमिपूजन हुआ है। हमारी राष्ट्रभक्ति के सामने, हमारी राष्ट्र सेवा के सामने कुछ राजनीतिक दलों की स्वार्थनीति कभी टिक नहीं सकती।

साथियों,

आज देश में 21वीं सदी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनेक आधुनिक प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है। यही गति, यही प्रगति एक सक्षम और सशक्त भारत की गारंटी है। यही प्रगति, सुविधा, सुगमता से लेकर सामान्य भारतीय की समृद्धि को सुनिश्चित करने वाली है। आप सभी के आशीर्वाद से, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता से यूपी इसमें अग्रणी भूमिका निभाएंगे। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, इसी विश्वास के साथ आपको अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की फिर एक बार बहुत-बहुत बधाई।

मेरे साथ बोलिए –

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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