आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कोरोना महामारी से लड़ने का माॅडल ‘नो टेस्टिंग, नो कोरोना’ है। योगी जी की यूपी सरकार में कोरोना से लड़ने का माॅडल फर्जीवाड़े, झूठ और डाटा प्रबंधन के अलावा कुछ भी नहीं है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार के मॉडल में दिन-रात मेहनत करके कोरोना से लड़ने का काम किया जा रहा है, लेकिन योगी जी के मॉडल में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। योगी जी की उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना पर रोक लगाने में नहीं, बल्कि फर्जी किट का इस्तेमाल कर फर्जी डाटा तैयार करने में लगी हुई है और सबको निगेटिव दिखाया जा रहा है। यूपी में टेस्ट नहीं हो रहे हैं, इसलिए नोएडा और गाजियाबाद समेत तमाम जिलों से लोग परेशान होकर जांच कराने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ने का सीएम योगी आदित्यनाथ का जो माॅडल है, वह फर्जीवाड़े का माॅडल है, वो झूठ का माॅडल है, वो डाटा मैनेजमेंट का माॅडल है। योगी जी कोरोना पर रोक नहीं लगा रहे हैं। वो सिर्फ डाटा में फर्जीवाड़ा करने में लगे हुए हैं। योगी जी डाटा को किस तरह मैनेज करना है, इस काम में लगे हुए है। हमने इसी उत्तर प्रदेश के अंदर बहुत से ऐसे वीडियो देखे, जहां पर डाॅक्टर खुद सैम्पल लेकर, उसकी जांच करके और उस पर मरीज का नाम चढ़ा कर किट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यानि फर्जी किट का इस्तेमाल करके, फर्जी डाटा तैयार किए जा रहे हैं और सबको निगेटिव दिखाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कहीं पर भी जांच नहीं हो रही है। उत्तर प्रदेश से तमाम साथी और तमाम लोग परेशान होकर, थक हार कर गाजियाबाद से, नोएडा से और आसपास के जिलों से अपना टेस्ट कराने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में टेस्ट नहीं हो रहा है। लोगों को बुखार है, पीड़ा है, चीख रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, उनकी जांच नहीं हो रही है। जब आप जांच नहीं कराएंगे, तो कोरोना किसको है, नहीं है, यह कैसे पता चलेगा? इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अंदर पूरी चिकित्सा व्यवस्था को देख लीजिए, जब कोरोना के दौरान सड़कों पर लाइनें लगी हुई थी, अस्पतालों में लाइनें लगी हुई थी, लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिला। उनको ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हुआ, उनको वेंटिलेटर का इंतजाम नहीं हुआ।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी जी की सरकार ‘नो टेस्टिंग, नो कोरोना’ के फार्मूले पर चल रही है। नो टेस्टिंग नो कोरोना का फार्मूला लागू करके इतने बड़े महा संकट के ऊपर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। यह योगी का जो मॉडल है, यह कोरोना के फर्जीवाड़े का मॉडल है और दिल्ली का जो मॉडल है, वह हम ज्यादा से ज्यादा जांच करके लोगों को इस कोरोना की महामारी से बचाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली ने प्लाज्मा थेरेपी की विधि अपनाई। दिल्ली ने आॅक्सीजन और वेंटिलेटर बेड का जरूरत से अधिक इंतजाम करके रखा। दिल्ली ने होम आइसोलेशन की विधि अपनाई, जिससे लोगों की जान बचाने में काफी मदद मिली, तो केजरीवाल का एक मॉडल है, जिसमें उन्होंने दिन रात मेहनत करके इस कोरोना के महा संकट से लड़ने का काम किया और योगी जी का एक मॉडल है, जिसमें उन्होंने कोरोना के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने जांच नहीं किया और जांच किया भी, तो फर्जी जांच करके मरीज के सिर्फ नाम चढ़ा दिए गए, जबकि वास्तव में उसकी जांच नहीं हुई।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि कोरोना निश्चित रूप से मानव जाति के इतिहास में इतना बड़ा संकट है कि कोई भी व्यक्ति आज की तारीख में यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह संकट कब और कैसे पैदा हो जाएगा। इससे लड़ने के लोग अपने-अपने तरीके अपना रहे हैं। इसमें हमसे और हमारी सरकार से जो सबसे बेहतरीन उपाय है, वह केजरीवाल जी की सरकार दिल्ली में कर रही है। समस्याएं हैं, उससे हमें मिलकर के लड़ना है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर लड़ना है। वायु प्रदूषण पर मुख्यमंत्री जी ने जो चिंता जाहिर की है, वास्तव में उसका संज्ञान केंद्र सरकार को लेना चाहिए और दूसरे राज्यों का सहयोग लेकर इसका समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि नोएडा के अंदर कोरोना के दौरान लगभग 300 लोग आत्महत्या कर के मर गए। उत्तर प्रदेश में किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही है, उत्तर प्रदेश के अंदर आज बेरोजगारों की हालत यह है कि वे सड़क पर प्रदर्शन करने निकलते हैं, तो उन्हें लाठियों से पीटकर लहूलुहान कर दिया जाता है। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। आज प्रदेश एक बड़ी त्रासदी झेल रहा है। उत्तर प्रदेश के अंदर इस महामारी के दौरान कोरोना जैसा घोटाला हुआ। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की चिंता कुछ और हो सकती है, लेकिन हमारी चिंता है कि इन मुद्दों पर संघर्ष करने की, इन मुद्दों पर लड़ने की, इन मुद्दों पर जनता को जगाने की और सरकार से अपने हक लेने की और हम उस काम में लगे हुए हैं।