नई दिल्ली: भारतीय मूल के शोधकर्ता की अगुवाई वाले दल को एक अध्ययन में पता चला है कि कार्डियोवस्कुलर रोग के शिकार रहे पुरुषों को सेक्स के दौरान या उसके बाद अचानक कार्डिएक अरेस्ट (हार्ट अटैक) होने का जोखिम हो सकता है. अचानक कार्डिएक अरेस्ट (एससीए) में दिल एकाएक धड़कना बंद कर देता है और ऐसा बिना किसी चेतावनी के होता है. इस शोध के निष्कर्षों से पता चला कि एससीए की घटनाएं काफी दुर्लभ है, लेकिन इसमें पीड़ित के जीवित रहने की दर काफी कम है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीड़ित व्यक्ति का सहयोगी तुरंत उसे सीपीआर (फुफुसीय पुर्नजीवन) दे पाने में नाकाम रहता है. सीपीआर देकर ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सकती है. सेडर्स-सिनाई हार्ट इंस्टीट्यूट के एसोसिएट निदेशक सुमीत चुघ ने कहा, यहां तक कि यौन गतिविधियों के दौरान हार्ट अटैक होने पर भी भागीदार द्वारा सीपीआर देने की महज एक तिहाई मामलों में ही जानकारी सामने आई है.
यह शोध जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि एससीए के कुछ मामलों में यौन गतिविधियों के बाद कोई दवाई, उत्तेजक पदार्थ या अल्कोहल के प्रयोग की भी भूमिका हो सकती है. चुग ने कहा, शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि लोगों को एससीए के दौरान सीपीआर देने के लिए शिक्षित करने की जरूरत है.