टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (28 नवंबर 2024): संसद का शीतकालीन सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है, और विपक्षी दलों के बीच मतभेद भी खुलकर सामने आ रहे हैं। अडाणी मुद्दे पर विपक्षी सांसदों का विरोध जारी है, जबकि इस मामले में इंडिया गठबंधन में फूट भी दिखाई दे रही है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस मुद्दे पर अलग रुख अपनाया है, जो कांग्रेस के लिए एक चौंकाने वाली स्थिति बन गई है।
टीएमसी ने बुधवार को बैठक की और इसके बाद सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने स्पष्ट किया कि उनका दल संसद में कामकाजी माहौल चाहता है और वे नहीं चाहते कि सिर्फ एक ही मुद्दा पूरे सत्र को प्रभावित करे। टीएमसी का कहना है कि संसद में सिर्फ अडाणी मुद्दे को लेकर ही हंगामा नहीं होना चाहिए, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए।
टीएमसी ने कुपोषण, मणिपुर की स्थिति, खाद्य सामाग्री की कमी, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को संसद में उठाने की बात की है। इसके अलावा, टीएमसी अपराजिता बिल पर भी चर्चा करना चाहती है, जो बंगाल विधानसभा में पहले ही पास हो चुका है, लेकिन राज्यपाल के कार्यालय में लंबित है। पार्टी ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष उठाने की योजना बना रही हैं।
हालांकि, टीएमसी की इस रणनीति से कांग्रेस हैरान है। कांग्रेस का मानना है कि अडाणी मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता आवश्यक है, जबकि टीएमसी अपने अलग एजेंडे पर चलने की कोशिश कर रही है। टीएमसी के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने का उनका उद्देश्य केवल सरकार को घेरना है, और उनकी रणनीति हर मुद्दे पर कांग्रेस से अलग हो सकती है।
गौरतलब है कि टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में वे किसी भी प्रकार के गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं और अपनी अलग रणनीति अपनाए हुए हैं। इस तरह के मतभेद विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहे हैं और संसद में हंगामे के माहौल को और भी बढ़ा रहे हैं।
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