टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 नवंबर 2024): “नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत” के तहत हजारों कर्मचारी जंतर मंतर, दिल्ली में एकत्र हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन द्वारा आयोजित इस आंदोलन में देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों ने भाग लिया। इस रैली में जम्मू कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, तेलंगाना और अन्य राज्यों के कर्मचारी शामिल हुए।
रैली का नेतृत्व डॉ. मंजीत सिंह पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन ने किया और इसे “पेंशन जयघोष महारैली” का नाम दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हमारा आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है और हमारी मांग किसी एक पार्टी से नहीं, बल्कि भारत सरकार से है। हम आश्वस्त हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस मामले का समाधान होगा।”
डॉ. पटेल ने सरकार से दो प्रमुख मांगें कीं – पहली, कर्मचारी अंशदान पर जीपीएफ की सुविधा और दूसरी, 25 साल की सेवा की बजाय 20 साल की सेवा के बाद महंगाई भत्ते के साथ पेंशन की गारंटी। उन्होंने कहा, “अगर सरकार एनपीएस कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन का विकल्प देती है, तो यह विकल्प सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए भी होना चाहिए। इससे कर्मचारियों को उनका अंशदान ब्याज सहित वापस मिलेगा और साथ ही पुरानी पेंशन का लाभ भी।”
रैली में भाग लेने आए उत्तर प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक फैसले लेने में सक्षम हैं, और अगर सरकार हमारी दो प्रमुख मांगों को पूरा करती है, तो हम एक लाख कर्मचारियों के साथ उनका धन्यवाद करेंगे।”
उत्तर प्रदेश के पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बसंत लाल गौतम ने भी पुरानी पेंशन की बहाली का समर्थन किया और कहा, “चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एनपीएस के तहत कुछ नहीं मिलता, इसलिए पुरानी पेंशन ही एकमात्र समाधान है।”
महाराष्ट्र से आए मोहम्मद जुल्फिकार अहमद, जो कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री की नॉन गजटेड यूनियन के वरिष्ठ सदस्य और फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव हैं, ने एनपीएस को निजीकरण के रूप में आलोचना की और कहा, “एनपीएस से न तो सरकार को फायदा हो रहा है, न ही कर्मचारियों को। यह पेंशन प्रणाली कर्मचारियों को असुरक्षित बना रही है।”
रैली में शामिल अन्य नेताओं ने भी पुरानी पेंशन की बहाली की जोरदार वकालत की। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विनोद यादव ने कहा, “हम सरकार का हिस्सा हैं, और हमारी यह मांग पूरी तरह से सरकार से है, न कि किसी पार्टी से।”
फेडरेशन के महासचिव सुधीर रूपजी ने भी पेंशन बहाली के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “मेडिकल सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी हमेशा संक्रमण के जोखिम में रहते हैं, और एनपीएस से उनका भविष्य असुरक्षित हो गया है।”
रैली में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जे पी पांडे और उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामलाल यादव ने भी पेंशन बहाली की मांग उठाई। पांडे ने कहा, “हम भारत के निर्माण में लगे हैं, लेकिन सरकार हमारे भविष्य की चिंता नहीं कर रही है।”
रैली में लगभग 40 प्रमुख कर्मचारी नेता शामिल हुए, जिनमें रामलाल यादव, जे पी पांडे, प्रदीप सरल, बंटी सिंह, राजेश भाटी, संजीव कुमार वर्मा, रमेश बीरमोड, मालिक रफीक, और अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस प्रदर्शन ने साफ तौर पर यह संदेश दिया कि देशभर के कर्मचारी सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग में एकजुट हैं और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में सकारात्मक कदम उठाएंगे।।
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