टेन न्यूज नेटवर्क
नयी दिल्ली (17 नवंबर 2024): दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सरोजिनी नगर में दुनिया के पहले महिला बस डिपो ‘सखी डिपो’ का उद्घाटन किया। यह पहल सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी है, जिसमें ड्राइवर और कंडक्टर सहित सभी कर्मी महिलाएँ होंगी। ‘सखी डिपो’ से न केवल महिलाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि यह पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान परिवहन क्षेत्र में महिलाओं द्वारा सभी बाधाओं को तोड़ने का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
उद्घाटन के दौरान कैलाश गहलोत ने कहा, “यह डिपो बस शुरुआत है; हमारा लक्ष्य ‘सखी पहल’ के तहत दिल्ली भर में ऐसे कई डिपो स्थापित करना है, जो महिलाओं को समान अवसर प्रदान करें और उन्हें प्रेरित करें। यह डिपो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है और हमारे समाज में लैंगिक समानता के लिए एक मजबूत कदम है।”
सखी डिपो की प्रमुख विशेषताएं
सरोजिनी नगर में स्थित ‘सखी डिपो’ में कुल 223 महिला कर्मी कार्यरत हैं, जिनमें 89 महिला ड्राइवर और 134 महिला कंडक्टर शामिल हैं। यह डिपो 70 बसों का बेड़ा संचालित करता है, जिसमें 40 वातानुकूलित (एसी) और 30 गैर-एसी बसें हैं। ये बसें दिल्ली के 17 मार्गों पर सेवा प्रदान करती हैं। इस डिपो के उद्घाटन से यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार महिला कर्मियों को सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘सखी डिपो’ तक की यात्रा
‘सखी डिपो’ की स्थापना कैलाश गहलोत का एक सपना था, जिसे साकार करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। महिला ड्राइवरों के लिए 159 सेमी की ऊंचाई की न्यूनतम आवश्यकता के कारण शुरुआत में कई महिलाएँ इस पेशे में शामिल नहीं हो पा रही थीं। लेकिन गहलोत के प्रयासों से फरवरी 2022 में ऊंचाई की न्यूनतम सीमा को घटाकर 153 सेमी कर दिया गया, जिससे महिला ड्राइवरों के लिए रास्ता आसान हो गया। इसके अलावा, बसों को पावर स्टीयरिंग, समायोज्य सीटें और स्टीयरिंग विकल्पों से लैस किया गया ताकि महिला ड्राइवरों को ज्यादा सुविधा हो।
इसके बाद, दिल्ली सरकार ने महिला ड्राइवरों के लिए ‘मिशन परिवर्तन’ नामक एक पहल शुरू की। अप्रैल 2022 में, दिल्ली सरकार और अशोक लीलैंड के सहयोग से महिला ड्राइवरों के लिए मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस प्रशिक्षण के बाद, अगस्त 2022 में 11 महिला ड्राइवरों का पहला बैच दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में शामिल हुआ। अब तक, डीटीसी में 89 महिला ड्राइवर काम कर रही हैं।
‘सखी डिपो’ का ऐतिहासिक महत्व
सखी डिपो का इतिहास दिल्ली के परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। इसे पहले सरोजिनी नगर डिपो के नाम से जाना जाता था, जो 1954 में स्थापित हुआ था और दिल्ली का पहला बस डिपो था। यह डिपो स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के नाम पर बनाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की पहली महिला बस ड्राइवर श्रीमती वंकदावथ सरिता ने 10 अप्रैल 2015 को डीटीसी में प्रवेश किया था और उन्होंने अपनी यात्रा सरोजिनी नगर डिपो से शुरू की थी।
‘सखी डिपो’ के उद्घाटन के साथ दिल्ली ने महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली सरकार का उद्देश्य है कि ‘सखी’ पहल के तहत दिल्ली भर में महिला बस डिपो स्थापित किए जाएं, जिससे महिलाएँ सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में कार्यरत हो सकें और समान अवसर प्राप्त कर सकें। इस पहल से न केवल महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और अन्य शहरों को भी समान कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।
‘सखी डिपो’ का उद्घाटन दिल्ली के परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और यह एक नये अध्याय की शुरुआत करेगा, जहां महिलाएँ किसी भी कार्यक्षेत्र में अपने अधिकारों के साथ खड़ी होंगी।।
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