बक्सर के कंजिया धाम में ऐतिहासिक कार्तिक महोत्सव, लाखों भक्तों ने लिया भाग

टेन न्यूज नेटवर्क

बक्सर (16 नवंबर 2024): बिहार के बक्सर जिले के पवित्र कंजिया धाम में शुक्रवार को कार्तिक महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन भक्तिमय माहौल, दिव्य पूजा-अर्चना और यज्ञ के माध्यम से श्रद्धा और अध्यात्म का अनुपम संगम बना। इस ऐतिहासिक आयोजन में लगभग 10 से 15 लाख श्रद्धालु देशभर से पहुंचे, जिससे कंजिया धाम का यह महोत्सव अब तक का सबसे बड़ा आयोजन साबित हुआ।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों ने बढ़ाई शोभा

महोत्सव में अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौशाला अनुसंधान संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्य गुरुजी गौतम ऋषि ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की महानता और इसकी परंपराओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। गुरुजी ने कहा, “कंजिया धाम एक पवित्र और आध्यात्मिक स्थल है, जिसकी ख्याति आने वाले समय में देश-विदेश तक पहुंचेगी। यह महोत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और विस्तारित करने का माध्यम बनेगा।”

कार्यक्रम में कई प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें भाजपा के प्रदेश महामंत्री मिथलेश तिवारी, एमएलसी राधा चरण सेठ, पूर्व परिवहन मंत्री संतोष निराला, और भाजपा बिहार आईटी सेल एवं मीडिया प्रभारी रवि रौशन जायसवाल प्रमुख थे। इन हस्तियों ने आयोजन की भव्यता की सराहना की और इसे सनातन संस्कृति का प्रतीक बताया।

रात्रि जागरण में भक्ति की अद्भुत छटा

महोत्सव के दौरान रात्रि जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। लोकगायक भरत शर्मा व्यास ने अपनी मधुर भजनों से भक्तों को भावविभोर कर दिया। भोजपुरी लोकगायिका रिंकू मौर्या और गायक गोलू राजा ने भी अपने सुमधुर गीतों से समां बांध दिया। अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से रात को भक्ति और संगीतमय बना दिया। रात्रि जागरण कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरी रात जागकर भगवान के भजनों और पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया।

कंजिया धाम: आस्था और चमत्कार का केंद्र

कंजिया धाम की मान्यता है कि यहां ठाकुर जी महाराज आज भी विराजमान हैं और भक्तों को अपनी कृपा से आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यहां स्थित अशोक के वृक्ष को लेकर खास मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठने या सोने से व्यक्ति अकाल मृत्यु, दुख और भय से मुक्त हो जाता है। यहां आने वाले भक्त मानते हैं कि इस धाम में सांप के डसने और गंभीर बीमारियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मूर्छित व्यक्ति भी यहां शीघ्र स्वस्थ हो जाते हैं। भक्तों का कहना है कि कंजिया धाम का हर कोना दिव्यता से परिपूर्ण है और यहां आने से शांति और सुख की अनुभूति होती है।

आयोजन की सफलता और भविष्य की योजनाएं

इस महोत्सव के आयोजन की भव्यता और सफलता ने आयोजकों का उत्साह बढ़ाया है। कंजिया धाम प्रबंधन समिति के अनुसार, महोत्सव हर साल नए आयाम स्थापित कर रहा है। आने वाले वर्षों में यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।आयोजकों का कहना है कि वे अगले वर्ष के लिए महोत्सव को और भव्य और सुव्यवस्थित बनाने की योजना बना रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से न केवल धर्म और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह समाज में सामूहिक चेतना और आध्यात्मिकता का संचार भी करता है।

श्रद्धालुओं के अनुभव

कंजिया धाम पहुंचे कई भक्तों ने अपने अनुभव साझा किए। पटना से आए एक श्रद्धालु ने कहा, “यहां का वातावरण बेहद दिव्य और शांत है। ठाकुर जी महाराज का आशीर्वाद हमें हर परेशानी से उबारता है। यह स्थल हमें हर बार कुछ नया अनुभव देता है।”

भव्य यज्ञ और जागरण के इस आयोजन ने कंजिया धाम को एक बार फिर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में स्थापित कर दिया है। आयोजकों ने श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया और आश्वासन दिया कि अगले वर्ष का आयोजन और भी भव्य होगा।

 


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