नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली के मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी की जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दिल्ली में महापौर चुनाव के सात महीने देरी से सम्पन्न होने के लिए आम आदमी पार्टी का असंवैधानिक रवैया जिम्मेदार है और इस देरी से दलित समाज के अधिकारों का हनन हुआ है। गुप्ता ने कहा कि इस बार महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित था, लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी करते हुए 7 महीनों तक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित इस पद पर ‘सामान्य वर्ग’ की शैली ओबरॉय को बनाए रखा, जो अनुसूचित वर्ग के पार्षदों के अधिकारों का सीधा हनन है।
गुप्ता ने कहा कि केवल 5 महीने का सुरक्षित सीट का कार्यकाल शेष है। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप और उपराज्यपाल की पहल पर यह चुनाव सम्पन्न हो सका है। इस चुनाव ने केजरीवाल सरकार की दलित विरोधी मानसिकता को उजागर कर दिया है।