नई दिल्ली – 25 अक्तूबर, 2024: हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने, हांगकांग के हांगकांग कन्वेंशन ऐंड एक्जीबिशन सेंटर में 20 से 23 अक्टूबर, 2024 तक आयोजित किए गए हांगकांग मेगा शो में एक एक्सक्लूसिव पवेलियन स्थापित किया। इस मेले में सहभागिता ने, विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों के लिए एक प्रमुख ग्लोबल सोर्सिंग डेस्टिनेशन (ग्लोबल सोर्सिंग गंतव्य) के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाया। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इंडिया पवेलियन का औपचारिक उद्घाटन हांगकांग में भारत की महावाणिज्य दूत सतवंत खनालिया ने सदस्य निर्यातकों, मास्टर शिल्पकारों, राष्ट्रीय जूट बोर्ड के प्रतिनिधियों और मेला आयोजकों के साथ किया।
उद्घाटन के दौरान सतवंत खनालिया ने भारतीय हस्तशिल्प को विश्व बाजारों में लाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद के प्रयासों की प्रशंसा की। सीजीआई ने सदस्य प्रतिभागियों के साथ भी बातचीत की और मास्टर शिल्पकारों के किए जा रहे लाइव शिल्प प्रदर्शनों में खास रुचि दिखाई। सीजीआई ने सदस्य प्रतिभागियों से बातचीत करते हुए भविष्य में व्यापार प्रचार के लिए सभी समर्थन का आश्वासन भी दिया।
ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, हांगकांग मेगा शो एशियाई उत्पादों के लिए एक प्रमुख मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और सोर्सिंग हब है। इस मेगा शो का यह 31वां संस्करण है, जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों से गिफ्ट और प्रीमियम उत्पादों, हाउसवेयर, लाइफस्टाइल उत्पाद, खिलौने, त्योहारों की आपूर्ति, और खेल के सामानों की एक विस्तृत कड़ी प्रदर्शित की गई। बैद ने यह भी बताया कि ईपीसीएच ने हांगकांग मेगा शो 2024 के दौरान एक रोड शो भी आयोजित किया गया, जो पूरी तरह आगामी आईएचजीएफ दिल्ली मेला स्प्रिंग 2025 के प्रचार को समर्पित था।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि परिषद ने, हांगकांग मेगा शो में 11 सदस्य निर्यातकों के साथ भाग लिया, जिसमें चुनिंदा भारतीय हस्तशिल्पों और विशेष उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, इनमें आर्ट मेटलवेयर, होम टेक्सटाइल, होम फर्निशिंग, लेदर प्रॉडक्ट, क्रिसमस उत्पाद, किचन एक्सेसरीज इत्यादि शामिल हैं। आर. के. वर्मा ये भी बताया कि ईपीसीएच ने एक्सक्लूसिव पवेलियन भी स्थापित किया, जहां मास्टर शिल्पकारों ने भारतीय पारंपरिक शिल्प का लाइव प्रदर्शन किया। इस लाइव प्रदर्शन के लिए हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय की ओर से छत्तीसगढ़ से ढोकरा शिल्प; पुडुचेरी से टेराकोटा; उत्तर प्रदेश से पत्थर पर नक्काशी करने वाले; तमिलनाडु की थंजावुर पेंटिंग और ओडिशा के पट्टचित्र के पांच मास्टर शिल्पकार नियुक्त किए गए।